लखनऊ: ब्राह्मण विधायकों की बैठक से सियासी हलचल, शिवपाल यादव ने दिया सपा में आने का न्यौता *SALK*

23 दिसंबर,मंगलवार की शाम को लखनऊ में भाजपा विधायक पंचानन पाठक (पीएन पाठक) के आवास पर एक बैठक हुई। इसमें पूर्वांचल और बुंदेलखंड के करीब 45 से 50 ब्राह्मण विधायक शामिल हुए। बैठक के बाद सरकार और पार्टी में सक्रियता देखी गई। सपा नेता शिवपाल यादव ने भाजपा से नाराज ब्राह्मण विधायकों को अपनी पार्टी में सम्मान के साथ शामिल होने का आमंत्रण दिया।

बैठक ने बढ़ाई सियासी गर्मी

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर जातीय समीकरण चर्चा में हैं। लखनऊ में मंगलवार, 23 दिसंबर को हुई एक बैठक ने सत्ता पक्ष के भीतर हलचल पैदा कर दी है। कुशीनगर के भाजपा विधायक पंचानन पाठक (पीएन पाठक) के आवास पर हुई इस बैठक में पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र के 45 से 50 ब्राह्मण विधायक शामिल हुए। इस दौरान लिट्टी-चोखा और व्रत के फलाहार का आयोजन किया गया। बैठक के तुरंत बाद सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री के एक ओएसडी ने पाठक से फोन पर बात करके इस समागम की जानकारी ली। यह भी कहा जा रहा है कि आरएसएस और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी मामले को शांत करने में जुट गए हैं।

शिवपाल यादव ने दिया सपा में आने का न्यौता

इस पूरे घटनाक्रम के बीच समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने एक बयान जारी किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा लोगों को जाति में बांटती है। उन्होंने भाजपा से नाराज ब्राह्मण विधायकों को सपा में शामिल होने और पूरा सम्मान पाने का आमंत्रण दिया। उल्लेखनीय है कि यूपी विधानसभा में इस समय कुल 52 ब्राह्मण विधायक हैं, जिनमें से 46 भाजपा के हैं।

बैठक के पीछे क्या हैं मुद्दे?

सूत्रों के अनुसार, इस बैठक का आयोजन ब्राह्मण समाज से जुड़े मुद्दों को मजबूती से उठाने के लिए किया गया था। चर्चा में यह बात सामने आई कि अन्य जातियों के मुकाबले ब्राह्मण समाज राजनीतिक रूप से पिछड़ता जा रहा है और उनकी आवाज अनसुनी की जा रही है। विधायकों का मानना था कि संघ, भाजपा और सरकार में उनकी सुनवाई के लिए कोई बड़ा पदाधिकारी नहीं है। साथ ही, उनके समाज से उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बावजूद उन्हें पर्याप्त ताकत नहीं दी गई है। हाल ही में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के चुनाव में एक ब्राह्मण नेता के नामांकन दाखिल न कर पाने की घटना का भी जिक्र हुआ।

जनवरी में होगी अगली बैठक

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्राह्मण विधायकों की अगली बैठक जनवरी माह में फिर आयोजित की जाएगी, जहाँ समाज के राजनीतिक और सामाजिक हितों के लिए रणनीति तय होगी। इससे पहले, विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान ठाकुर समाज के विधायकों ने भी 'कुटुंब परिवार' के नाम से एक बैठक की थी।

टिप्पणियाँ