उत्तर प्रदेश: स्मार्ट मीटर योजना पर भारी आरोप, 959 करोड़ के घोटाले का हवाला *SWPO* #35

लखनऊ में आम आदमी पार्टी ने राज्य की स्मार्ट मीटर योजना पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी ने दावा किया कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 का उल्लंघन करते हुए 959 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है और जबरन मीटर लगाए जा रहे हैं। आरोपों में 2G से 4G मीटर के बदलाव और बिलों में वृद्धि को भी शामिल किया गया है।

योजना पर उठे गंभीर सवाल

लखनऊ में आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में चल रही स्मार्ट मीटर योजना को लेकर राज्य सरकार पर कड़े आरोप लगाए हैं। पार्टी ने इस योजना को 'खुली लूट' और जनविरोधी करार दिया है। यह आरोप लगाया गया है कि सरकार इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 55 का उल्लंघन कर रही है, जिसमें उपभोक्ता की सहमति के बिना मीटर लगाने पर रोक है। पार्टी ने इसके विरोध में संसद से लेकर न्यायालय तक जाने की बात कही है।

वित्तीय अनियमितताओं के आरोप

आरोपों के मुताबिक, सरकार ने स्मार्ट मीटर के लिए 8,415 रुपये प्रति मीटर की दर से टेंडर किया, जबकि मीटर 6,016 रुपये में लगाए जा रहे हैं। इस आधार पर 959 करोड़ रुपये के घोटाले का हवाला दिया गया है और सरकार से हिसाब देने की मांग की गई है। साथ ही, वर्ष 2018 में 2G स्मार्ट मीटर लगाने के आठ साल के कॉन्ट्रैक्ट के बाद अब अचानक 4G मीटर लगाने के आदेश पर सवाल उठाया गया है। यह दावा किया गया कि 2G मीटर 15 से 20 प्रतिशत तक तेज चलते हैं, जिससे उपभोक्ताओं के बिल 2400-2500 रुपये तक पहुंच गए हैं।

उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभाव की आशंका

पार्टी ने चिंता जताई कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर प्रणाली भीषण गर्मी में बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए संकट पैदा कर सकती है। साथ ही, 'टाइम ऑफ डे टैरिफ' नीति पर आपत्ति जताई गई, जिसमें पीक आवर में महंगी दरों से गरीब और मध्यम वर्ग पर बोझ पड़ने की आशंका व्यक्त की गई। आरोप है कि सरकार की मंशा निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाना है। पार्टी ने चेतावनी दी कि अगर घोटाले की जांच नहीं कराई गई और जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वह पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन करेगी।

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