मोदी-पुतिन मुलाकात : भारत-रूस संबंधों को नई गति, व्यापार और ऊर्जा क्षेत्र में कई समझौते #89 *AQW*

संक्षिप्त खबर

नई दिल्ली में 5 दिसंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हैदराबाद हाउस में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दोनों ने भारत-रूस मित्रता को अटल बताया, तेल की बिना रुकावट आपूर्ति का आश्वासन दिया और व्यापार को 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा। शिपबिल्डिंग, न्यूक्लियर ऊर्जा व क्रिटिकल मिनरल्स पर MoU साइन हुए, जो दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी को मजबूत करेंगे।


व्यापार और ऊर्जा में नई ऊंचाइयां
भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले वर्ष 12 प्रतिशत बढ़कर औसतन 64 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो एक रिकॉर्ड है। दोनों देश इस आंकड़े को 100 अरब डॉलर तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रूस से भारत को होने वाले निर्यात का 76 प्रतिशत हिस्सा कच्चा तेल है, जबकि कोयले को जोड़ने पर यह 85 प्रतिशत हो जाता है। वहीं, भारत से रूस को दवाइयां, रसायन, कपड़े, चाय, कॉफी, चावल और मसाले निर्यात होते हैं। ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत बनाने के लिए सिविल न्यूक्लियर ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिजों पर समझौते हुए हैं। ये कदम स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित बनाने और नई तकनीकी उद्योगों को बढ़ावा देंगे।

रक्षा और परिवहन सहयोग का विस्तार
रूस पिछले 50 वर्षों से भारतीय सेना को हथियारों की आपूर्ति और आधुनिकीकरण में सहयोग देता आ रहा है, जिसमें वायु रक्षा, विमानन और नौसेना शामिल हैं। हाल की चर्चाओं से दोनों पक्ष संतुष्ट हैं, जो रणनीतिक साझेदारी को गहरा करेंगी। परिवहन के क्षेत्र में उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा एक प्रमुख परियोजना है, जो रूस या बेलारूस से माल को सीधे हिंद महासागर तक ले जाने में मदद करेगा। इससे व्यापार तेज, सस्ता और सुगम होगा। इसके अलावा, जहाज निर्माण में गहरा सहयोग 'मेक इन इंडिया' को बल देगा, जिससे रोजगार, कौशल विकास और क्षेत्रीय संपर्क बढ़ेगा। भारतीय नाविकों को ध्रुवीय समुद्री क्षेत्रों में नौवहन प्रशिक्षण देने की योजना भी लागू होगी।

नाभिकीय ऊर्जा परियोजना की प्रगति
तमिलनाडु के कुडनकुलम में रूस की सहायता से विकसित हो रहा नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र एशिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। इसमें छह रिएक्टर बनाए जा रहे हैं, प्रत्येक 1000 मेगावॉट क्षमता वाला, जो कुल 6000 मेगावॉट बिजली उत्पन्न करेगा। तीन रिएक्टर पहले ही भारत के ऊर्जा नेटवर्क से जुड़ चुके हैं, जबकि शेष तीन निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। यह परियोजना कोयला पर निर्भरता घटाएगी, स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराएगी और दक्षिण भारत के राज्यों में बिजली आपूर्ति मजबूत करेगी।

अन्य क्षेत्रों में सहमति और भविष्य की दिशा
दोनों देशों ने सहयोग और प्रवास, स्वास्थ्य सेवा व चिकित्सा शिक्षा, खाद्य सुरक्षा व मानक, ध्रुवीय जहाजों व समुद्री सहयोग तथा उर्वरक पर समझौते किए। लेन-देन का 96 प्रतिशत राष्ट्रीय मुद्राओं में हो रहा है। रूसी नागरिकों के लिए 30 दिनों का पर्यटक वीजा जल्द शुरू होगा। आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया गया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र, जी20, ब्रिक्स और एससीओ जैसे मंचों पर समन्वय शामिल है। यह साझेदारी दोनों देशों की जनता के हित में सिद्ध होगी।

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