कानपुर: जीएसटी बकायेदारी पर विभाग का कड़ा रुख, चार फर्मों के खिलाफ सख्ती के साथ वसूली अभियान *VHJK* #16

कानपुर में मंगलवार को राज्य कर विभाग (एसजीएसटी) ने जीएसटी और वैट के करोड़ों रुपये बकाया वसूली के लिए अभियान चलाया। मधुराज स्टील एलएलपी, प्रेम राज टेक्सटाइल, शुभ सार्थक सेल्स और मुन्नालाल एंड संस जैसी चार फर्मों पर कार्रवाई हुई। दो फर्मों के ऑफिस कुर्क और सील किए गए, जबकि बाकी पर प्राथमिकी और गिरफ्तारी की चेतावनी दी गई। यह शासन की प्राथमिकता है।
वसूली अभियान की रूपरेखा
राज्य कर विभाग ने कानपुर में जीएसटी तथा वैट बकायेदारी के खिलाफ मंगलवार को व्यापक अभियान चलाया, जिसमें चार फर्मों पर सख्त कार्रवाई की गई। अपर आयुक्त ग्रेड-1 राज्य कर कानपुर जोन द्वितीय के निर्देश पर संयुक्त आयुक्त कार्यपालक की अगुवाई में डिप्टी कमिश्नर, असिस्टेंट कमिश्नर, राज्य कर अधिकारी और संग्रह अमीन की टीम सक्रिय रही। इन फर्मों पर कुल करोड़ों रुपये का बकाया था, और भुगतान न होने पर संपत्तियों को कुर्क करने के साथ ही नीलामी की धमकी भी दी गई। यह कदम शासन की जीएसटी वसूली को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की दिशा में उठाया गया।

हालसी रोड और मनीराम बगिया में कुर्की
अभियान की शुरुआत हालसी रोड से हुई, जहां मधुराज स्टील एलएलपी और मधुराज स्टील के व्यापार स्थल पर 1.13 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया पाया गया। वहां मौजूद कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में स्टे के लिए याचिका दायर करने की बात कही, लेकिन तत्काल भुगतान न होने पर ऑफिस को कुर्क कर दिया गया। देर शाम फर्म ने 5.20 लाख रुपये जमा किए। इसके बाद टीम मनीराम बगिया पहुंची, जहां प्रेम राज टेक्सटाइल पर 68.94 लाख रुपये का बकाया था। फर्म संचालक के दामाद ने भुगतान से इनकार कर दिया, जिसके बाद मकान के भूतल में स्थित ऑफिस को कुर्क और सील कर दिया गया।

चंद्रा मार्केट में प्राथमिकी की तैयारी
हालसी रोड के चंद्रा मार्केट में शुभ सार्थक सेल्स पर 429.79 लाख रुपये और मुन्नालाल एंड संस पर 303.25 लाख रुपये का जीएसटी बकाया दर्ज किया गया। इन फर्मों के प्रोपराइटर शुभम गुप्ता मौके पर नहीं मिले। शुभ सार्थक सेल्स की प्रोप्राइटर शुभा गुप्ता शुभम गुप्ता की पत्नी हैं। विभाग ने इनके चल-अचल संपत्तियों की जानकारी एकत्र की और चेतावनी जारी की कि बकाया जल्द न चुकाने पर प्रोपराइटरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी तथा गिरफ्तारी भी होगी। यह कार्रवाई बकायेदारों को तत्काल भुगतान के लिए प्रेरित करने का प्रयास है।

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