अयोध्या:52 वर्षों से जारी है भरत यात्रा की परंपरा, चित्रकूट के लिए रवाना हुई शोभायात्रा *DEHB* #27
अयोध्या से चित्रकूट के लिए 52वीं भरत यात्रा शुक्रवार को रवाना हुई। मणिरामदास छावनी से निकली इस यात्रा का उद्देश्य सामाजिक जीवन मूल्यों की रक्षा करना और समाज को जोड़ना बताया गया है। करीब 200 संतों और भक्तों के साथ यह शोभायात्रा लगभग एक दर्जन वाहनों से चित्रकूट के लिए निकली।
अयोध्या से चित्रकूट की ओर रवानगी
अयोध्यामें शुक्रवार को परंपरागत भरत यात्रा का आगाज हुआ, जो 52 वर्षों से लगातार निकल रही है। मणिरामदास की छावनी से निकली यह यात्रा चित्रकूट के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर भरत और शत्रुघ्न के स्वरूपों का वैदिक मंत्रों के साथ पूजन-अर्चन किया गया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने यात्रा को अपना आशीर्वाद प्रदान किया।
यात्रा का उद्देश्य और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
इस यात्राका मुख्य उद्देश्य सामाजिक जीवन मूल्यों की रक्षा करना以及 समाज और परिवार को एक सूत्र में बांधना बताया गया है। एक धर्माचार्य के अनुसार, साकेतवासी प्रभुदत्त ब्रह्मचारी की प्रेरणा से यह यात्रा पिछले 52 वर्षों से निकल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीराम और भरत का जीवन चरित्र समाज के लिए अनुकरणीय है।
शोभायात्रा का स्वरूप और सहभागिता
52वींश्री भरत यात्रा वैदिक मंत्रों के साथ उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास के मार्गदर्शन में आगे बढ़ी। इस शोभायात्रा में गुरु वशिष्ठ की भूमिका में महंत कमल नयन दास सहित करीब 200 संत शामिल हुए। गाजे-बाजे के साथ निकली यह यात्रा रामभक्तों को लेकर लगभग एक दर्जन चार पहिया वाहनों और बसों से सजी हुई थी, जो अयोध्या से चित्रकूट के लिए प्रस्थान कर गई।
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