सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेटर की पत्नी से पूछा- क्या मासिक 4 लाख रुपये पर्याप्त नहीं? *SADT* #29

 भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां द्वारा मासिक गुजारा भत्ता बढ़ाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया है। अदालत ने पूछा कि क्या प्रति माह 4 लाख रुपये की राशि पर्याप्त नहीं है। हसीन जहां ने कलकत्ता हाईकोर्ट के 4 लाख रुपये के आदेश के खिलाफ अपील करते हुए मासिक 10 लाख रुपये के भत्ते की मांग की थी।


सुप्रीम कोर्ट नेक्रिकेटर मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां द्वारा मासिक गुजारा भत्ता 4 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की मांग पर सवाल उठाया। अदालत ने शमी और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। इससे पहले, कलकत्ता हाईकोर्ट ने जुलाई 2025 में शमी को उनकी पत्नी और बेटी को मासिक 4 लाख रुपये देने का आदेश दिया था।

हाईकोर्ट का आदेश
जुलाई 2025 मेंकलकत्ता हाईकोर्ट ने एक आदेश पारित करते हुए मोहम्मद शमी को उनकी पत्नी हसीन जहां और बेटी आयरा के लिए मासिक गुजारा भत्ते के रूप में कुल 4 लाख रुपये देने का निर्देश दिया था। इस फैसले के खिलाफ हसीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां उन्होंने यह रकम अपर्याप्त बताते हुए इसे बढ़ाकर 10 लाख रुपये प्रति माह करने की मांग की।

पारिवारिक विवाद का इतिहास
मोहम्मद शमीऔर हसीन जहां ने वर्ष 2014 में शादी की थी। वर्ष 2018 में हसीन जहां ने क्रिकेटर और उनके परिवार पर हिंसा के आरोप लगाए थे। इस जोड़ी की एक बेटी आयरा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शादी के बाद पता चला कि हसीन जहां पहले एक और विवाहित रह चुकी थीं और उनकी उस रिश्ते से दो संतानें भी हैं। शमी ने परिवार की मंजूरी के बिना हसीन जहां से निकाह किया था।

आगे की कार्यवाही
सुप्रीम कोर्ट नेइस मामले में शमी और पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब तलब किया है। अब अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। इस बीच, शमी अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी बेटी के साथ पलों को साझा करते देखे जाते हैं, जिससे पिता-बेटी के बीच स्नेह का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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