सुप्रीम कोर्ट ने शमी की पत्नी की 10 लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ते की मांग पर उठाए सवाल *GUIN* #27

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां से पूछा कि क्या महीने के चार लाख रुपये का गुजारा भत्ता पर्याप्त नहीं है। हसीन जहां ने यह रकम बढ़ाकर दस लाख रुपये करने की मांग की थी। अदालत ने इस मामले में शमी और पश्चिम बंगाल सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट में गुजारा भत्ते को लेकर सुनवाई

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां के बीच गुजारा भत्ते को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया है। अदालत ने हसीन जहां द्वारा मासिक भत्ता दस लाख रुपये करने की मांग पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या चार लाख रुपये प्रति माह की राशि पर्याप्त नहीं है। इस मामले में अदालत ने खिलाड़ी और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी करके चार सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती

हसीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा कलकत्ता हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद खटखटाया है। जुलाई 2025 में हाईकोर्ट ने मोहम्मद शमी को उनकी पत्नी हसीन जहां और बेटी आयरा को मासिक गुजारा भत्ते के रूप में कुल चार लाख रुपये देने का निर्देश दिया था। इस फैसले में बेटी के लिए ढाई लाख और पत्नी के लिए डेढ़ लाख रुपये मासिक का प्रावधान था। हसीन जहां ने इस राशि को अपर्याप्त बताते हुए सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की।

पारिवारिक विवादों का लंबा इतिहास

दोनों के बीच संबंधों में कड़वाहट का सिलसिला काफी पुराना है। दोनों की शादी साल 2014 में हुई थी। सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2018 में हसीन जहां ने क्रिकेटर और उनके परिवार पर हिंसा के आरोप लगाए थे। शादी के लगभग एक साल बाद, जुलाई 2015 में दोनों की एक बेटी, आयरा का जन्म हुआ। रिपोर्ट्स से पता चलता है कि शमी को बाद में पता चला कि हसीन जहां उनसे शादी करने से पहले ही एक अन्य विवाहित संबंध से दो बच्चों की मां थीं। शमी ने अपने परिवार की सहमति के बिना हसीन जहां से विवाह किया था, जो पहले एक प्रोफेशनल मॉडल और आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स की चीयरलीडर रह चुकी हैं।

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