अयोध्या के अस्पतालों में ओपीडी संख्या गिरी, डीएम बोले- हर डॉक्टर दे रोज 40 मरीजों की सलाह *DAIO* #21
अयोध्या में जिले के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में बाह्य रोगियों की संख्या और सर्जरी के मामलों में आई गिरावट को लेकर जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने गहरी नाराजगी जताई है। बुधवार को हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में डीएम ने हर डॉक्टर के लिए प्रतिदिन कम से कम 40 ओपीडी परामर्श का लक्ष्य निर्धारित किया और चेतावनी दी कि शून्य प्रदर्शन करने वाले चिकित्सकों को अगली बैठक में बुलाया जाएगा।
बैठक में जिलाधिकारी का कड़ा रुख
बुधवार को हुई बैठक में जिलाधिकारी निखिल फुंडे ने स्वास्थ्य सेवाओं के हालिया आंकड़ों पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने पाया कि जनता को मिलने वाली बाह्य रोगी सेवाएं और सर्जिकल प्रक्रियाएं अपेक्षा के अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने तत्काल इस स्थिति में सुधार के निर्देश दिए। डीएम ने स्पष्ट कहा कि प्रत्येक चिकित्सा अधिकारी को रोजाना कम से कम 40 मरीजों का परामर्श देना ही होगा। उन्होंने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले और शून्य प्रदर्शन दिखाने वाले डॉक्टरों के लिए सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे अधिकारियों को अगली बैठक में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होकर सफाई देनी होगी।
स्वास्थ्य अभियानों पर भी हुई चर्चा
इस बैठक में केवल ओपीडी ही नहीं, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं और अभियानों की भी समीक्षा की गई। 'दस्तक' अभियान के तहत संचारी रोगों पर नियंत्रण की स्थिति पर चर्चा हुई। डीएम ने निर्देश दिए कि शून्य से दो साल तक के सभी बच्चों की अप-टू-डेट सूची एएनएम को तुरंत उपलब्ध कराई जाए, ताकि कोई भी बच्चा टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित न रहे। साथ ही, बैठक में गैर-हाजिर आशा बहुओं के खिलाफ कार्रवाई के आदेश भी दिए गए। क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम पर भी नजर डाली गई और सभी टीबी रोगियों का एक्स-रे कराने तथा निक्षय पोषण योजना का लाभ समय पर दिलवाने पर जोर दिया गया।
सुधार के लिए तय हुए अहम लक्ष्य
जिलाधिकारी ने प्रसूति सेवाओं में सुधार पर भी ध्यान केंद्रित करने का आदेश दिया। जननी सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत प्रसव को बढ़ाने और लाभार्थियों को शत-प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित करने को कहा गया। उन्होंने तरुण और हरण टीम गंज ब्लॉक में डिलीवरी प्वाइंट बढ़ाने के निर्देश भी दिए। बैठक के अंत में उन्होंने विशेष रूप से सोहावल और पूरा बाजार सीएचसी में सिजेरियन प्रसव की घटती संख्या पर गहरी नाराजगी जताई और तत्काल सुधारात्मक कार्यवाही का आग्रह किया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर अब इन निर्देशों का पालन करवाने और सेवाओं में जल्द सुधार दिखाने का दबाव है।
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