लखनऊ: नशीली दवा तस्करी में दीपक मलवानी गिरफ्तार, कोडीन सिरप बरामद - प्रदेश में जांच शुरू #17 *G*
लखनऊ के आलमबाग स्थित स्नेह नगर के कारोबारी दीपक मलवानी को नारकोटिक्स विभाग और FSDA ने शनिवार को गिरफ्तार किया। उसके घर से कोडीन सिरप के चार कर्टन समेत बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित दवाइयां जब्त की गई हैं, जिनकी आपूर्ति वह अपने भाई की अमीनाबाद स्थित दुकान से करता था। इस मामले के बाद FSDA ने प्रदेश में स्थापित 37 कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों का निरीक्षण किया है।
छापेमारी में क्या मिला?
नारकोटिक्स विभाग और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की संयुक्त टीम ने मुखबिर की सूचना पर दीपक मलवानी के घर पर छापा मारा। इस दौरान कोडीन सिरप के 4 कर्टन समेत बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित दवाइयां बरामद हुईं। आरोपी दीपक मलवानी अपने भाई मनदीप मलवानी की अमीनाबाद स्थित दवा की दुकान से इन दवाओं की सप्लाई करता था।
कैसे चलता था पूरा नेटवर्क?
अधिकारियों के मुताबिक, दीपक युवाओं में कोडीन सिरप की बढ़ती मांग का फायदा उठाकर नशे के लिए दवाओं की आपूर्ति कर रहा था और सस्ती दरों पर खरीदी गई दवाओं को बाजार में महंगे दामों पर बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहा था। जांच में पता चला कि उसका नेटवर्क पूरे लखनऊ में फैला हुआ था। अमीनाबाद स्थित दुकान को "डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट" की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था, जहां से कोडीन सिरप, मल्टीविटामिन और अन्य एलोपैथिक दवाइयां छोटे विक्रेताओं और फेरीवालों को दी जाती थीं।
कफ सिरप निर्माताओं पर नजर
इस मामले के बाद FSDA ने प्रदेश में स्थापित 37 कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों का निरीक्षण किया है। इन कंपनियों से 38 रॉ मटेरियल और 31 फिनिश गुड्स के नमूने जांच के लिए एकत्र किए गए हैं। निरीक्षण में लखनऊ, सहारनपुर, मथुरा और अलीगढ़ की चार निर्माण इकाइयों में गंदगी पाई गई। वहीं, नारकोटिक्स अधिकारियों ने कृष्णानगर थाने में दीपक मलवानी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया है।
आठ राज्यों में प्रतिबंध की कार्रवाई
मिलावटी कफ सिरप को लेकर देश के आठ राज्यों ने सख्त कदम उठाए हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान, केरल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ ने विभिन्न कार्रवाइयां की हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ और नेस्ट्रो DS सिरप पर सीधा प्रतिबंध लगाया है, जबकि केरल और तमिलनाडु ने सभी कोडीन और संदिग्ध कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगाई है।
जहरीले रसायन से हुई मौतें
तमिलनाडु के श्रीसन फार्मास्युटिकल द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सिरप में 48.6% डाइएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया है। यह रसायन एंटी फ्रीज और ब्रेक ऑयल में इस्तेमाल होता है और मानव के लिए अत्यंत घातक है। मध्य प्रदेश में इस सिरप के सेवन से अब तक 14 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि राजस्थान में 4 बच्चों की जान गई है। किडनी फेलियर इन मौतों का मुख्य कारण बताया जा रहा है।
मिलावटखोरों के लिए सख्त सजा
भारत में मिलावटी या प्रतिबंधित कफ सिरप बेचना गंभीर अपराध माना गया है। औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 27(ए) के तहत अगर कोई व्यक्ति मिलावटी दवा देकर किसी की मौत का कारण बनता है, तो उसे कम से कम 10 साल या आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा भारतीय न्याय संहिता में भी मिलावटी दवा बेचने या वितरण में शामिल होने पर एक साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
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