युवा मैदा से बने उत्पादों से रहें दूर: कुलपति *ZXCM* #9
युवा मैदा से बने उत्पादों से रहें दूर: कुलपति
चलिए जानते हैं क्या हुआ सेमिनार में
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज के सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय में मंगलवार को "जीवनचक्र में पोषणीय समानता" विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
यह आयोजन राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के निर्देश पर दीक्षांत समारोह के मद्देनजर किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह और अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन और जलभरो के साथ की।
अधिष्ठाता डा. साधना सिंह ने सभी अतिथियों का बुके और स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया।
कुलपति ने दी यह अहम सलाह
सेमिनार को संबोधित करते हुए कुलपति कर्नल डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि पोषण की नींव नवजात अवस्था में ही पड़ जाती है।
- बच्चे के जन्म के बाद के शुरुआती 1000 दिन उसके लिए सबसे जरूरी होते हैं।
- आहार में विभिन्न सब्जियों को शामिल करके उसे संतुलित बनाया जा सकता है।
- आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए गाजर और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
- मैदा से बने खाद्य पदार्थों (नूडल्स, बिस्कुट, ब्रेड) से युवाओं को दूरी बनाने की सलाह दी।
- साथ ही, उन्होंने मोरिंगा (सहजन) के फूल, पत्तियों और छालों में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
विशेषज्ञों ने बताए संतुलित आहार के टिप्स
- डॉ. नीलम कुमारी (स्टेट आई.टी. कॉलेज, लखनऊ): प्रोटीन युक्त आहार (अंडा, दूध) को शामिल करने और महिलाओं के लिए आयरन युक्त आहार लेने की सलाह दी।
- डॉ. शालिनी श्रीवास्तव (केजीएमयू, लखनऊ): थाली को इंद्रधनुष की तरह रंगीन बनाने की बात कही और कैंसर से बचाव के लिए रोजाना नारियल/नारियल तेल के सेवन को फायदेमंद बताया।
विजेताओं को मिला सम्मान
पोषण माह के अंतर्गत आयोजित रेसिपी प्रतियोगिता, स्लोगन प्रतियोगिता और पोस्टर प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं को कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रज्ञा पांडेय और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनीशा वर्मा ने दिया।
युवा सहभागिता से रुकेगी आत्महत्या: विशेषज्ञ
मानसिक स्वास्थ्य पर हुई ऑनलाइन चर्चा
विश्वविद्यालय स्थापना सप्ताह (23-30 सितंबर 2025) और विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (10 सितंबर 2025) के अवसर पर सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के मानव विकास एवं परिवार अध्ययन विभाग और PoSH समिति ने एक ऑनलाइन राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया।
विषय था – “युवा एवं सामुदायिक सहभागिता : आत्महत्या की रोकथाम एवं मानसिक स्वास्थ्य”
क्या कहा विशेषज्ञों ने?
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डॉ. इशात कालरा (पंजाब, लुधियाना): युवाओं को अपनी मानसिक समस्याएं और तनाव मित्रों, परिवार या विशेषज्ञों से साझा करने की अपील की।
- हेल्पलाइन नंबरों और परामर्श सेवाओं का उपयोग करने की सलाह दी।
- कहा कि आत्महत्या करने वाले को दोष न देकर उसकी पीड़ा समझनी चाहिए।
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डॉ. गायत्री तिवारी: मुश्किल हालात में संवाद बनाए रखने, सकारात्मक सोच अपनाने और प्रोफेशनल काउंसलिंग लेने पर जोर दिया।
👉 इस वेबिनार का उद्देश्य युवाओं के बीच मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना और आत्महत्या जैसे गंभीर मुद्दे पर खुली बातचीत को प्रोत्साहित करना था।
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