TET अनिवार्यता के सुप्रीम कोर्ट फैसले के खिलाफ योगी सरकार करेगी रिवीजन याचिका - CM योगी #9 *HKQ*

सारांश: 

सीएम योगी ने सुप्रीम कोर्ट के TET अनिवार्यता के फैसले के खिलाफ रिवीजन याचिका दायर करने का निर्देश दिया। अबतक इस फैसले से परेशान होकर यूपी के हमीरपुर और महोबा में दो अनुभवी शिक्षकों ने आत्महत्या कर ली, जिससे पूरे प्रदेश के लगभग 2 लाख शिक्षक प्रभावित हैं।



चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग को सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ रिवीजन याचिका दायर करने का निर्देश दिया है, जिसमें सभी शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अनिवार्य बनाया गया था। सीएम ने कहा कि प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और सरकार समय-समय पर उन्हें प्रशिक्षण देती है, ऐसे में उनकी योग्यता और सेवा के वर्षों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट का क्या था फैसला?

1 सितंबर, 2025 को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया था कि जिन शिक्षकों की नौकरी को 5 साल से ज्यादा बचा है, उन्हें अगले दो साल के भीतर TET क्वालिफाई करना होगा। अगर वे ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें या तो इस्तीफा देना होगा या कंपल्सरी रिटायरमेंट लेना होगा। इस फैसले का देश भर में लगभग 10 लाख शिक्षकों पर असर पड़ेगा, जिनमें से अकेले यूपी के 2 लाख शिक्षक शामिल हैं।

TET के डर से दो शिक्षकों ने गंवाई जान

इस फैसले ने शिक्षकों में व्यापक डर और चिंता पैदा कर दी है, जिसका दुखद परिणाम दो शिक्षकों की आत्महत्या के रूप में सामने आया है।

· महोबा: सोमवार को महोबा के एक 49 वर्षीय शिक्षक ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
· हमीरपुर: शनिवार को हमीरपुर के एक 52 वर्षीय सरकारी शिक्षक ने भी आत्महत्या कर ली।

दोनों मामलों में शिक्षकों के परिवारों ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट के TET के आदेश के बाद से वे बहुत परेशान थे और परीक्षा के दबाव में आकर उन्होंने यह कदम उठाया। हालांकि, दोनों मामलों में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

आगे क्या होगा?

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही शिक्षक संगठन लगातार राहत की मांग कर रहे थे। इसी विषय पर कुछ प्रतिनिधियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की थी, जिसके बाद सरकार ने रिवीजन याचिका दायर करने का फैसला लिया। अब यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को चुनौती देगी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि यह फैसला अल्पसंख्यक संस्थानों पर लागू होगा या नहीं, इस पर एक बड़ी बेंच फैसला करेगी।

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