अयोध्या: 20,000 छात्रों का जीवन संवारने वाले अवध विवि के डॉ. सुधीर प्रकाश 'टीचिंग आइकन ऑफ अयोध्या' #23 *IQ*
सारांश:
अवध विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुधीर प्रकाश को DBUP India द्वारा 'टीचिंग आइकन ऑफ अयोध्या' का खिताब मिला। 25 वर्षों से अधिक के करियर में उन्होंने 20,000 से अधिक छात्रों को पढ़ाया है और शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके द्वारा तैयार किए गए छात्र आज भारतीय प्रशासनिक सेवा, इंजीनियरिंग सेवाओं, वन सेवा सहित देश-विदेश के महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं ।
अयोध्या के शिक्षा क्षेत्र का एक चमकता सितारा
अयोध्या। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आई०ई० टी० विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुधीर प्रकाश को डीबीयूपी इंडिया न्यूज़ नेटवर्क द्वारा 'टीचिंग आइकन ऑफ अयोध्या' चुना गया है। यह सम्मान उनके शिक्षण के प्रति अटूट समर्पण, 25 वर्षों के लंबे अनुभव और समाज में दिए गए योगदान को देखते हुए दिया गया है।
कौन हैं डॉ. सुधीर प्रकाश?
डॉ. सुधीर प्रकाश पिछले 25 वर्षों से अवध विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे हैं। उन्होंने बी.टेक, एम.टेक, एम.सी.ए, बी.एससी और एम.एससी जैसे विविध पाठ्यक्रमों में कई हजारों छात्रों को पढ़ाया है। उनके द्वारा तैयार किए गए छात्र आज भारतीय प्रशासनिक सेवा, इंजीनियरिंग सेवाओं, वन सेवा सहित देश-विदेश के महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं और लगभग 60 देशों में विश्वविद्यालय का परचम लहरा रहे हैं।
शिक्षण के अलावा समाजसेवा में भी अग्रणी
डॉ. प्रकाश का योगदान सिर्फ कक्षाओं तक सीमित नहीं है। वह प्रतिदिन 3-4 घंटे सामाजिक कार्यों को देते हैं। चुनाव के दौरों में मतदाता जागरूकता अभियान चलाकर अयोध्या में मतदान प्रतिशत बढ़ाने का काम किया है। कोरोना काल में उन्होंने अपने छात्रों के साथ मिलकर सेवा भारती के बैनर तले लोगों की मदद की। इसके अलावा, वह पासी पुरवा गाँव में साक्षरता बढ़ाने और सरकारी योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुँचाने का कार्य करते हैं।
अकादमिक उपलब्धियों और पुरस्कार
डॉ. प्रकाश एक विद्वान शिक्षक भी हैं, जिन्होंने 10 किताबें और 50 से अधिक शोध पत्र लिखे हैं। उन्होंने 40 से ज्यादा आमंत्रित व्याख्यान दिए और 3 राष्ट्रीय कार्यशालाओं में भाग लिया है। शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए उन्हें राज्य सरकार और तीन राष्ट्रीय संस्थानों द्वारा पुरस्कृत भी किया जा चुका है। विश्वविद्यालय में उन्होंने सहायक अधिष्ठाता (छात्र कल्याण) और केंद्राध्यक्ष (परीक्षा) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया है।
'शिक्षा का लक्ष्य सिर्फ पढ़ाना नहीं, संस्कार देना है'
डॉ. प्रकाश कहते हैं कि उनका मुख्य लक्ष्य विद्यार्थियों में केवल विषय का ज्ञान ही नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति और संस्कार भरना है, ताकि वे अनुशासित होकर देश, समाज और परिवार का ध्यान रख सकें। अयोध्या के दिव्य दीपोत्सव जैसे आयोजनों में 2017 से लगातार शामिल होकर वह छात्रों को सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का भी काम करते हैं।
डॉ. सुधीर प्रकाश का समर्पण निश्चित रूप से न केवल अयोध्या बल्कि पूरे शिक्षा जगत के लिए एक मिसाल है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें