बाराबंकी : रामस्वरूप यूनिवर्सिटी पर बुलडोजर, 17 साल के अवैध कब्जे और ABVP विवाद के बाद कार्रवाई #7 *QWR*
सारांश:
बाराबंकी की रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में शनिवार को प्रशासन ने अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलाया, 400 वर्गमीटर का एनिमल हाउस ध्वस्त किया। 1 सितंबर को ABVP छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था जिसके बाद मामला नेशनल हो गया था, फिरहाल 17 साल से ग्रामसभा जमीन पर कब्जे के आरोपों के बाद यह कार्रवाई हुई, छात्रों के आरोप मामले की जांच चल रही है।
चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम
बाराबंकी की श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी पर शनिवार को प्रशासनिक टीम ने बड़ी कार्रवाई की। नवाबगंज तहसील, राजस्व विभाग और पुलिस की टीम 2 बुलडोजरों के साथ यूनिवर्सिटी पहुंची। टीम ने अवैध कब्जों की जांच की और फिर नवनिर्मित एनिमल हाउस को खाली कराकर उसे पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। इस दौरान पूरे परिसर को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया।
17 साल से चल रहा था जमीन पर अवैध कब्जा
ADM न्यायिक राजकुमार शर्मा ने बताया कि यूनिवर्सिटी द्वारा ग्रामसभा की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया था, जिसके बाद बेदखली और बुलडोजर कार्रवाई की गई। जांच में पाया गया कि विश्वविद्यालय ने पिछले 17 साल से ग्राम समाज की करीब 2 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर रखा था। खूजर गांव के प्रधान रामनाथ यादव ने इसकी कई बार शिकायत की थी। उन्होंने 23 अप्रैल, 2025 को उपजिलाधिकारी को पत्र लिखा, 24 अप्रैल को अपर जिलाधिकारी को और 29 अप्रैल को राजस्व परिषद के अध्यक्ष को शिकायत भेजी। इससे पहले 2013 में तत्कालीन प्रधान रानी ने भी शिकायत की थी, लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं हुई।
1 सितंबर को क्यों पुलिस ने पीटा था ABVP छात्रों को?
यह कार्रवाई एक सितंबर की घटना के बाद हुई। उस दिन LLB के छात्रों ने प्रदर्शन किया था। छात्रों का आरोप था कि BCI की मान्यता खत्म होने के बावजूद यूनिवर्सिटी ने 4 साल से एग्जाम नहीं कराए और बिना मान्यता के एडमिशन लिए। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने ABVP छात्रों और कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया, 12 छात्र घायल हुए। इसके बाद 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया। इस घटना से ABVP सरकार और भाजपा से नाराज हो गई।
ABVP के गुस्से का असर: भाजपा का कार्यक्रम स्थगित
इस नाराजगी का असर भाजपा के कार्यक्रम पर दिखा। ABVP पर हमले के विरोध में संगठन ने भाजपा के साथ कार्यक्रम करने से मना कर दिया। इसी वजह से रविवार को लखनऊ में होने वाला 'वन नेशन वन इलेक्शन' छात्र नेता सम्मेलन स्थगित कर दिया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य वक्ता होते।
यूनिवर्सिटी प्रबंधन के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा
तीन सितंबर को उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के अपर सचिव डॉ. दिनेश कुमार की शिकायत पर यूनिवर्सिटी प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। इसमें धोखाधड़ी, जालसाजी और दस्तावेजों में हेराफेरी के आरोप लगे। हालांकि, विवाद के अगले दिन ही BCI ने यूनिवर्सिटी के LLB कोर्स को मान्यता दे दी थी।
मंत्रियों ने घायल छात्रों से मानी हालचाल
इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने घायल ABVP कार्यकर्ताओं से KGMU में मुलाकात की। डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा था कि पुलिस ने छात्रों के साथ गलत किया और यह कार्रवाई बर्दाश्त नहीं है।
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