हेडलाइन: कृषि विवि कुमारगंज में 17 नए डिप्लोमा कोर्स, 20 सितंबर तक आवेदन *AQWE* #48
हेडलाइन: कृषि विवि कुमारगंज में 17 नए डिप्लोमा कोर्स, 20 सितंबर तक आवेदन
सारांश: आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में सत्र 2025-26 से 17 नए डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्स शुरू। उपकुलसचिव डा. रुद्र प्रताप सिंह ने बताया ऑफलाइन आवेदन 18 अगस्त से शुरू, अंतिम तिथि 20 सितंबर 2025 है। कोर्स रोजगार के नए अवसर देने वाले हैं।
चलिए जानते हैं पूरी खबर विस्तार से
कुमारगंज। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय ने शिक्षण सत्र 2025-26 के लिए छात्रों के लिए बड़ा ऐलान किया है। विश्वविद्यालय में इस साल से 17 नए डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स की शुरुआत की जा रही है। इन कोर्सेज का मकसद छात्रों को कृषि और उससे जुड़े नए क्षेत्रों में विशेषज्ञता देना और उनकी रोजगार संभावनाओं को बढ़ाना है।
क्या है आवेदन की प्रक्रिया?
विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव डा. रुद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इन कोर्सेज में दाखिले के लिए ऑफलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। आवेदन की प्रक्रिया 18 अगस्त 2025 से शुरू हो चुकी है। जो भी छात्र इन कोर्सेज में प्रवेश लेना चाहते हैं, उन्हें 20 सितंबर 2025 तक आवेदन पत्र जमा करना होगा। आवेदन फॉर्म विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट से प्राप्त किए जा सकते हैं।
कौन-कौन से हैं नए कोर्स?
विश्वविद्यालय में शुरू होने वाले सभी 17 नए कोर्सेज की लिस्ट इस प्रकार है:
- कृषि पर्यटन प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा
- जैविक कृषि में डिप्लोमा
- मशरूम उत्पादन प्रौद्योगिकी में सर्टिफिकेट कोर्स
- जैव उर्वरक उत्पादन में प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम
- मधुमक्खी पालन में सर्टिफिकेट कोर्स
- पादप ऊतक संवर्धन में सर्टिफिकेट कोर्स
- बागवानी में डिप्लोमा
- वानिकी में डिप्लोमा
- पशु चिकित्सा फार्मेसी में डिप्लोमा
- पशुधन विस्तार में डिप्लोमा
- मत्स्य विज्ञान में डिप्लोमा
- खाद्य पोषण और आहार विज्ञान में डिप्लोमा
- परिधान निर्माण में डिप्लोमा
- इवेंट मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट कोर्स
- बेकरी और कन्फेक्शनरी में सर्टिफिकेट कोर्स
- कृषि इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स
रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि ये पीजी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स छात्रों को किसी खास क्षेत्र में माहिर बनाएंगे, जिससे उनके लिए नौकरी के रास्ते और आसान हो जाएंगे। ये कोर्स न सिर्फ छात्रों के कौशल और ज्ञान को बढ़ाएंगे बल्कि उन्हें शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी विशेषज्ञता देंगे। यह कदम कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने और उद्योगों की जरूरत के हिसाब से छात्रों को तैयार करने की दिशा में एक अहम पहल मानी जा रही है।
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