लखनऊ: योगी कैबिनेट में 15 फैसले, आउटसोर्स कर्मचारियों को 16-20 हजार सैलरी और ई-बसों को मंजूरी #16 *HWE*
[सारांश:]
लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट बैठक में 15 प्रस्ताव पास हुए, एक कृषि प्रस्ताव स्थगित। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम बनेगा, जहां 16-20 हजार मासिक वेतन, पीएफ, ईएसआईसी, मैटरनिटी लीव और 3 साल का कॉन्ट्रैक्ट मिलेगा। लखनऊ-कानपुर के 10-10 रूटों पर ई-बसें चलेंगी। इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स में 500 मिलियन डॉलर निवेश का 50% यूपी में लक्ष्य, नई नीति से सब्सिडी। आउटसोर्स बजट 6 साल में 684 से 1797 करोड़ पहुंचा।
कैबिनेट बैठक में क्या-क्या हुआ
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई। इस बैठक में कुल 16 प्रस्ताव रखे गए थे, जिनमें से 15 को मंजूरी मिल गई। सिर्फ एक प्रस्ताव, जो कृषि क्षेत्र से जुड़ा था, उसे आगे के लिए स्थगित कर दिया गया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, नगर विकास मंत्री एके शर्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन फैसलों की जानकारी दी। ये फैसले रोजगार, परिवहन और उद्योग क्षेत्र को मजबूत बनाने वाले हैं।
आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नया निगम
सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग से भर्ती होने वाले कर्मचारियों की शिकायतों को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम का गठन किया जाएगा। अब सरकार खुद इनकी भर्ती करेगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी। पहले एक साल का कॉन्ट्रैक्ट होता था, लेकिन अब यह तीन साल का होगा, जिसे बाद में नवीनीकृत किया जा सकता है।
ये हैं मुख्य सुविधाएं:
- मासिक वेतन: 16 हजार से 20 हजार रुपये तक।
- सैलरी का भुगतान: हर महीने की 1 से 5 तारीख के बीच सीधे बैंक खाते में।
- अन्य लाभ: प्रोविडेंट फंड (पीएफ), कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) और महिलाओं को मैटरनिटी लीव।
- आरक्षण: सभी वर्गों को लागू होगा।
- भर्ती प्रक्रिया: लिखित परीक्षा और इंटरव्यू से होगी, जेम पोर्टल के जरिए आवेदन लिए जाएंगे।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पहले सर्विस प्रोवाइडर के खाते में पैसा जाता था, जिससे कर्मचारियों को पूरा वेतन न मिलने की शिकायतें आती थीं। अब विभाग निगम को भर्ती का प्रस्ताव देंगे, निगम भर्ती करेगा और फाइनल लिस्ट विभाग को सौंपेगा। स्थायी पदों पर आउटसोर्सिंग से भर्ती नहीं होगी, वहां सरकारी प्रक्रिया ही चलेगी।
आउटसोर्सिंग बजट में भारी बढ़ोतरी
पिछले छह सालों में आउटसोर्स कर्मचारियों पर खर्च होने वाला बजट लगभग तीन गुना हो गया है। 2019-20 में यह 684.19 करोड़ रुपये था, जो 2025-26 में 1796.93 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह बढ़ोतरी रोजगार के अवसरों को दर्शाती है और कर्मचारियों के हितों की रक्षा करेगी।
पहले कैसे होती थी भर्ती
पहले सरकारी विभाग जेम पोर्टल पर टेंडर निकालते थे। ठेका मिलने वाली कंपनियां सेवायोजन विभाग को वैकेंसी लेटर भेजती थीं। बेरोजगार पोर्टल पर अप्लाई करते, रैंडम चयन से तीन नाम विभाग को जाते और फिर इंटरव्यू होता। इसमें सरकारी और कंपनी के अफसर शामिल होते। कुछ पदों पर लिखित परीक्षा भी होती। अब नया निगम इस प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाएगा।
लखनऊ-कानपुर में ई-बसों का संचालन
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि शहरी परिवहन को बेहतर बनाने के लिए लखनऊ और कानपुर में ई-बसें चलाई जाएंगी। दोनों शहरों में 100-100 बसें खरीदी जाएंगी, जो 10-10 रूटों पर चलेंगी। ये बसें प्राइवेट ऑपरेटरों को नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट पर दी जाएंगी।
मुख्य बिंदु:
- कॉन्ट्रैक्ट अवधि: 12 साल।
- बसों की लागत: लगभग 10 करोड़ रुपये।
- सुविधाएं: सरकार चार्जिंग स्टेशन बनाएगी और लाइसेंस देगी।
- किराया: सरकार तय करेगी।
- ऑपरेटर चयन: टेंडर से होगा।
- रूट: सभी फाइनल हो चुके, हर रूट पर शुरू में एक बस।
यह कदम पर्यावरण अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देगा और शहरों में ट्रैफिक सुविधा बेहतर करेगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में बड़ा निवेश
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग यादव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स के 11 महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स को बढ़ावा देने के लिए नई नीति लाई जाएगी। यह नीति छह साल तक लागू रहेगी और निवेशकों को भारी सब्सिडी व छूट मिलेगी।
लक्ष्य और लाभ:
- निवेश लक्ष्य: अगले पांच साल में देश में 500 मिलियन डॉलर का निवेश, जिसमें 50% यूपी में।
- फायदे: चीन पर निर्भरता कम होगी, निर्यात बढ़ेगा और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान सस्ता होगा।
- प्रभाव: रोजगार बढ़ेगा और उद्योग मजबूत होगा।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले
कैबिनेट में नए विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज और निर्यात नीति जैसे प्रस्तावों को भी मंजूरी मिली। ये फैसले शिक्षा, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे। बैठक में प्रशासनिक सुधारों पर भी चर्चा हुई, जो सुशासन को बढ़ावा देंगे।
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