शाह बोले- विपक्ष जेल से सरकार चलाना चाहता है, राहुल के अध्यादेश फाड़ने का किया जिक्र *LKJH* #25
शाह बोले- विपक्ष जेल से सरकार चलाना चाहता है, राहुल के अध्यादेश फाड़ने का किया जिक्र
सारांश: गृहमंत्री अमित शाह ने ANI को दिए इंटरव्यू में कहा कि विपक्ष संविधान (130वां संशोधन) विधेयक का विरोध इसलिए कर रहा है ताकि नेता जेल से सरकार चला सकें। उन्होंने 2013 में राहुल गांधी द्वारा लालू यादव को बचाने वाला अध्यादेश फाड़े जाने का भी उदाहरण दिया।
चलिए, समझते हैं पूरा मामला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को न्यूज एजेंसी ANI को एक इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक समेत कई अहम मुद्दों पर बातचीत की। शाह ने विपक्ष के रुख पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी दल चाहते हैं कि उनके नेता जेल से ही सरकार चलाएं।
क्या है नए बिल में प्रावधान?
गृहमंत्री ने बताया कि 20 अगस्त को लोकसभा में पेश किए गए इस विधेयक में प्रावधान है कि अगर किसी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री की किसी ऐसे अपराध में गिरफ्तारी होती है जिसमें 5 साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है, तो उन्हें अपना पद छोड़ना होगा। शाह ने कहा कि अगर बेल मिल जाए तो वे फिर से पद संभाल सकते हैं।
"पहले नैतिकता थी, आज क्यों नहीं?" - शाह ने राहुल पर साधा निशाना
शाह ने विपक्ष पर नैतिकता भूल जाने का आरोप लगाते हुए एक पुराना वाकया याद दिलाया। उन्होंने कहा, "लालू यादव को बचाने के लिए मनमोहन सिंह सरकार अध्यादेश लाई थी। उसे राहुल गांधी ने क्यों फाड़ा, क्या औचित्य था? अगर उस दिन नैतिकता थी तो क्या आज नहीं है, क्योंकि आप लगातार तीन चुनाव हार चुके हैं।" यह घटना 2013 की है जब सुप्रीम कोर्ट ने अपराधी नेताओं पर रोक लगाई थी।
"मैंने आरोप लगते ही इस्तीफा दे दिया था" - शाह ने अपना उदाहरण दिया
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए शाह ने खुद के सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस में गिरफ्तारी के समय का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "मुझ पर आरोप लगने पर जैसे ही CBI ने समन दिया, मैंने दूसरे ही दिन इस्तीफा दे दिया। अरेस्ट तो मैं बाद में हुआ था। बाद में केस चला और फैसला आया कि यह पॉलिटिकल वेंडेटा का केस था और मैं निर्दोष हूं।"
तमिलनाडु और दिल्ली के मंत्रियों पर भी उठाए सवाल
शाह ने कहा कि आजकल नेता आरोप लगने पर इस्तीफा देने की परंपरा को तोड़ रहे हैं। उन्होंने तमिलनाडु के कुछ मंत्रियों और दिल्ली के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री का उदाहरण देते हुए कहा कि जेल जाने के बावजूद उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया। शाह ने इसे राजनीति को बदनाम करना और सामाजिक नैतिकता को गिराना बताया।
धनखड़ के इस्तीफे और उपराष्ट्रपति चुनाव पर क्या कहा शाह ने?
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर शाह ने कहा कि उन्होंने इसे निजी स्वास्थ्य कारणों से दिया है और इस मामले में बात का बतंगड़ नहीं बनाना चाहिए
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