ड्रीम-11 सहित मनी गेम्स पर बैन की तैयारी: लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग बिल पेश #14 *OPW*

[सारांश:]

केंद्र सरकार ने 20 अगस्त 2025 को लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग बिल पेश किया। ड्रीम-11, रमी जैसे मनी बेस्ड गेम्स पर बैन का प्रस्ताव। मानसिक-आर्थिक नुकसान, मनी लॉन्ड्रिंग की चिंता। सजा-जुर्माना, रेगुलेटरी अथॉरिटी के नियम। ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा। इंडस्ट्री ने बैन को गलत बताया, 2 लाख नौकरियां खतरे में।


नई दिल्ली: ऑनलाइन गेमिंग पर सख्ती, बिल पेश
केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर लगाम कसने के लिए बड़ा कदम उठाया है। 20 अगस्त 2025 को लोकसभा में सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पेश किया। यह बिल रियल-मनी गेम्स जैसे ड्रीम-11, रमी, और पोकर पर पूरी तरह रोक लगाने की तैयारी में है। सरकार का कहना है कि ऐसे गेम्स से लोगों को मानसिक और आर्थिक नुकसान हो रहा है। अगर यह बिल पास हो जाता है, तो भारतीय क्रिकेट टीम के लीड स्पॉन्सर ड्रीम-11 सहित कई बड़ी गेमिंग कंपनियां मुश्किल में पड़ सकती हैं।

क्या है इस बिल का मकसद?
सरकार का कहना है कि मनी बेस्ड गेम्स से लोग लत में फंस रहे हैं। कई लोग अपनी जिंदगी की कमाई हार चुके हैं, और कुछ मामलों में आत्महत्या की खबरें भी सामने आई हैं। इसके अलावा, मनी लॉन्ड्रिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं हैं। इस बिल का लक्ष्य ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाना और ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करना है।

बिल के प्रमुख नियम क्या हैं?

यह बिल कई सख्त नियम लाता है, जो इस प्रकार हैं:

  • रियल-मनी गेम्स पर रोक: कोई भी गेम जो पैसे के दांव पर आधारित है, चाहे वह स्किल बेस्ड हो या चांस बेस्ड, उसका संचालन या प्रचार गैरकानूनी होगा।
  • सजा और जुर्माना: मनी गेम्स ऑफर करने या प्रचार करने वालों को 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। विज्ञापन देने वालों को 2 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना।
  • रेगुलेटरी अथॉरिटी: एक विशेष अथॉरिटी बनेगी, जो गेमिंग इंडस्ट्री को नियंत्रित करेगी और यह तय करेगी कि कौन से गेम्स रियल-मनी गेम्स की श्रेणी में आते हैं।
  • ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा: पबजी, फ्री फायर जैसे फ्री-टू-प्ले और नॉन-मॉनेटरी गेम्स को सपोर्ट किया जाएगा।

आम खिलाड़ियों पर क्या होगा असर?
भारत में करीब 50 करोड़ लोग ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े हैं। अगर यह बैन लागू होता है, तो रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म्स पर गेम खेलना बंद हो जाएगा। इंडस्ट्री का कहना है कि इससे लोग गैरकानूनी या विदेशी साइट्स की ओर जाएंगे, जहां फ्रॉड और डेटा चोरी का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही, जो लोग इन गेम्स से कमाई करते थे, उनकी आय भी रुक जाएगी।

गेमिंग इंडस्ट्री पर कितना बड़ा खतरा?
भारत का ऑनलाइन गेमिंग मार्केट अभी 32,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें 86% रेवेन्यू रियल-मनी गेम्स से आता है। 2029 तक इसके 80,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन इस बैन से ड्रीम-11, गेम्स24x7, विंजो, और गेम्सक्राफ्ट जैसी कंपनियों पर संकट आ सकता है। इंडस्ट्री का अनुमान है कि 2 लाख नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं और सरकार को टैक्स में भारी नुकसान होगा।

इंडस्ट्री का विरोध, कोर्ट जाने की तैयारी
गेमिंग इंडस्ट्री और संगठन जैसे ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF), ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF), और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (FIFS) ने बिल का विरोध किया है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर बैन की जगह "प्रोग्रेसिव रेगुलेशन" की मांग की है। उनका कहना है कि बैन से लोग अनरेगुलेटेड विदेशी साइट्स की ओर जाएंगे, जो न तो टैक्स देते हैं और न ही सुरक्षित हैं। इंडस्ट्री पहले भी कोर्ट का रुख कर चुकी है, जहां कोर्ट ने कहा था कि फैंटेसी स्पोर्ट्स और रमी जैसे स्किल बेस्ड गेम्स जुआ नहीं हैं। इंडस्ट्री का मानना है कि यह बैन संविधान के खिलाफ हो सकता है।

क्या कोई छूट मिलेगी?
बिल में फ्री-टू-प्ले और सब्सक्रिप्शन बेस्ड गेम्स को छूट दी गई है, जहां पैसे का दांव नहीं लगता। यानी, मनोरंजन के लिए खेले जाने वाले गेम्स या फिक्स्ड सब्सक्रिप्शन वाले गेम्स चल सकते हैं। इसके अलावा, ई-स्पोर्ट्स और नॉन-मॉनेटरी स्किल बेस्ड गेम्स को बढ़ावा देने की बात कही गई है।

पहले टैक्स, अब बैन क्यों?
पहले सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी और विनिंग अमाउंट पर 30% टैक्स लगाया था। लेकिन अब सरकार का रुख टैक्स और रेगुलेशन से हटकर पूरी तरह बैन की ओर बढ़ गया है। इंडस्ट्री इसे गलत कदम बता रही है, क्योंकि इससे वैध कंपनियां बंद हो सकती हैं और अवैध ऑपरेटरों को फायदा मिल सकता है।

आगे क्या होगा?
यह बिल अभी लोकसभा में पेश हुआ है और संसद में इस पर बहस होगी। अगर यह पास हो जाता है, तो ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव आएगा। इंडस्ट्री के लोग कोर्ट में बैन को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। आम लोगों और गेमर्स को भी इस बदलाव का असर साफ दिखेगा, क्योंकि उनके गेमिंग अनुभव और कमाई के रास्ते बदल सकते हैं।

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