गाजियाबाद: फर्जी दूतावास का भंडाफोड़, हर्षवर्धन जैन गिरफ्तार; VIP गाड़ियां, नकली दस्तावेज बरामद #5 *LOP*

[सारांश:] 

गाजियाबाद के कविनगर में यूपी STF ने फर्जी दूतावास का पर्दाफाश किया। आरोपी हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया गया, जो नकली राजदूत बनकर ठगी करता था। 44.7 लाख नकद, VIP गाड़ियां, फर्जी पासपोर्ट और मोहरें बरामद। हर्षवर्धन लोगों को विदेश में नौकरी और वीजा दिलाने का झांसा देता था।


गाजियाबाद में चौंकाने वाला खुलासा
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के पॉश इलाके कविनगर में एक सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश हुआ है। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने मंगलवार, 22 जुलाई 2025 को एक आलीशान कोठी पर छापा मारकर फर्जी दूतावास का भंडाफोड़ किया। इस कार्रवाई में मुख्य आरोपी हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया गया, जो खुद को काल्पनिक देशों का राजदूत बताकर लोगों को ठग रहा था। STF ने उसके पास से चार डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली लग्जरी गाड़ियां, 44.7 लाख रुपये नकद, फर्जी पासपोर्ट, नकली दस्तावेज और विदेश मंत्रालय की जाली मोहरें बरामद की हैं।

क्या था पूरा घटनाक्रम?
यूपी STF की नोएडा यूनिट को सूचना मिली थी कि कविनगर के केबी-35 मकान में अवैध रूप से दूतावास संचालित हो रहा है। इस कोठी में हर्षवर्धन जैन ‘वेस्ट आर्कटिक दूतावास’ के नाम से फर्जी दूतावास चला रहा था। वह खुद को वेस्ट आर्कटिका, सबोरगा, पोल्विया और लोडोनिया जैसे काल्पनिक देशों का राजदूत बताता था, जो विश्व के नक्शे पर मौजूद ही नहीं हैं। छापेमारी के दौरान मकान के बाहर लगे झंडे, डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली गाड़ियां और विदेश मंत्रालय की नकली मोहरों वाले दस्तावेज देखकर STF अधिकारी भी हैरान रह गए।

क्या-क्या बरामद हुआ?
STF की छापेमारी में हर्षवर्धन के पास से कई चौंकाने वाली चीजें बरामद हुईं:

  • डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली चार लग्जरी गाड़ियां।
  • माइक्रोनेशन देशों के 12 फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट।
  • विदेश मंत्रालय की नकली मोहरों वाले जाली दस्तावेज।
  • दो फर्जी पैन कार्ड और दो फर्जी प्रेस कार्ड।
  • विभिन्न देशों और कंपनियों की 34 नकली मोहरें।
  • 44.7 लाख रुपये नकद और कई देशों की विदेशी मुद्रा।
  • 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट और अन्य कंपनियों के दस्तावेज।
    इसके अलावा, हर्षवर्धन ने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य VIP हस्तियों के साथ फोटोशॉप की गई तस्वीरें बनाकर लोगों को प्रभावित करने का प्रयास किया।

कौन है हर्षवर्धन जैन?
47 वर्षीय हर्षवर्धन जैन ने पूछताछ में बताया कि उसने गाजियाबाद से BBA और लंदन से MBA किया है। उसके पिता एचडी जैन गाजियाबाद में जैन रोलिंग मिल के मालिक थे और राजस्थान में मार्बल खदानों का कारोबार करते थे। हर्षवर्धन ने 2000 में विवादित व्यक्ति चंद्रास्वामी के जरिए अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खशोगी से मुलाकात की थी। इसके बाद उसने लंदन और दुबई में कई शेल कंपनियां बनाईं, जिनके जरिए वह विदेश में नौकरी और वीजा दिलाने के नाम पर ठगी करता था।

पहले भी रहा है विवादों में
हर्षवर्धन का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है। 2011 में उसके पास से अवैध सैटेलाइट फोन बरामद हुआ था, जिसके लिए कविनगर थाने में FIR दर्ज की गई थी। जांच में यह भी पता चला कि वह चंद्रास्वामी और अदनान खशोगी जैसे विवादित लोगों के संपर्क में रहा है। STF का मानना है कि हर्षवर्धन एक संगठित हवाला रैकेट भी चला रहा था, जिसके तार अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जुड़े हो सकते हैं।

कैसे करता था ठगी?
हर्षवर्धन लोगों को विदेश में नौकरी और वीजा दिलाने का झांसा देता था। इसके लिए वह फर्जी दस्तावेज, नकली पासपोर्ट और डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली गाड़ियों का इस्तेमाल करता था। वह सोशल मीडिया और वेबसाइट्स पर VIP हस्तियों के साथ अपनी मॉर्फ्ड तस्वीरें डालकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था। इसके जरिए वह मोटी रकम वसूलता था और शेल कंपनियों के माध्यम से हवाला लेन-देन करता था।

पुलिस की आगे की कार्रवाई
STF ने हर्षवर्धन के खिलाफ कविनगर थाने में FIR दर्ज की है और उससे पूछताछ जारी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल हैं और कितने लोग इसके शिकार बने हैं। केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर STF इस नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की भी जांच कर रही है।

दूतावास का मतलब और उसकी वैधता
दूतावास किसी देश का आधिकारिक कार्यालय होता है, जो दूसरे देश में राजनयिक और कांसुलर सेवाएं प्रदान करता है। यह दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने, नागरिकों को वीजा-पासपोर्ट जैसी सुविधाएं देने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का काम करता है। बिना विदेश मंत्रालय की अनुमति के दूतावास चलाना अवैध है और यह देश की संप्रभुता के खिलाफ माना जाता है।

लोगों के लिए सतर्कता का संदेश
यह मामला गाजियाबाद जैसे शहर में लोगों के लिए एक चेतावनी है। विदेश में नौकरी या वीजा के नाम पर होने वाली ठगी से बचने के लिए हमेशा आधिकारिक चैनलों और प्रमाणित एजेंसियों से संपर्क करें। किसी भी तरह के दस्तावेज या ऑफर की सत्यता की जांच जरूर करें।

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