अयोध्या: लेखपाल निलंबित-दरोगा लाइन हाजिर, दोनों के रिश्वत लेते वायरल वीडियो #5 *HGW*

सारांश:

सोहावल तहसील में लेखपाल राम धीरज का 7 जुलाई को जमीन रिपोर्ट के बदले 500 रुपए रिश्वत लेता वीडियो वायरल हुआ था। अब एसडीएम अभिषेक सिंह ने उन्हें निलंबित कर तहसीलदार प्रदीप कुमार सिंह को जांच सौंपी। वहीं अयोध्या शहर में दरोगा जोखन यादव का रिक्शा चालक से रिश्वत लेता वीडियो सामने आने पर एसएसपी गौरव ग्रोवर ने उन्हें लाइन हाजिर किया।



सोहावल में लेखपाल का रिश्वत कांड

जिले की सोहावल तहसील में तैनात लेखपाल राम धीरज का वीडियो 7 जुलाई से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था, जिसमें वे एक व्यक्ति से जमीन की रिपोर्ट लगाने के बदले 500 रुपए की रिश्वत लेते दिखाई दे रहे थे। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पैसे मिलते ही लेखपाल ने रिपोर्ट की प्रक्रिया समझानी शुरू कर दी। स्थानीय लोगों ने इसके बाद तहसील प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की, लेकिन शुरुआत में कोई कदम नहीं उठाया गया।

एसडीएम ने लिया कड़ा एक्शन, लेखपाल हुआ निलंबित

मामले की गंभीरता को देखते हुए उप जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने आज वायरल वीडियो का संज्ञान लिया और तत्काल लेखपाल राम धीरज को निलंबित कर दिया। साथ ही, उन्होंने इसकी जांच की जिम्मेदारी तहसीलदार सोहावल प्रदीप कुमार सिंह को सौंपी। एसडीएम ने स्पष्ट किया, "जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी।"

अयोध्या शहर में दरोगा का वीडियो वायरल, एसएसपी ने की कार्रवाई

इसी बीच अयोध्या शहर के लता चौक पर एक और वीडियो सामने आया। इसमें ट्रैफिक दरोगा जोखन यादव एक ई-रिक्शा चालक से रिश्वत लेते हुए दिखाई दिए। वीडियो में दरोगा नोट को मुट्ठी में दबाकर छिपाने की कोशिश कर रहे थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह दरोगा अक्सर इस चौक पर ड्यूटी करता था। वीडियो वायरल होते ही जनता में नाराजगी फैल गई।

दरोगा हुआ लाइन हाजिर, जांच जारी

मामले की प्रतिक्रिया में एसएसपी गौरव ग्रोवर ने तुरंत दरोगा जोखन यादव को लाइन हाजिर करने का आदेश दिया। सर्कल ऑफिसर आशुतोष तिवारी ने पुष्टि करते हुए बताया, "वीडियो पांच दिन पुराना है। आरोपी को लाइन हाजिर किया गया है और जांच चल रही है।"

प्रशासन की सख्ती से जनता को राहत

दोनों मामलों में प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने आम नागरिकों में भरोसा जगाया है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस सख्त रुख की सराहना की है। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जांच पूरी होने तक दोनों केस में अंतिम कार्रवाई का इंतजार रहेगा।


स्रोत: स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के बयान और वायरल वीडियो फुटेज के आधार पर।

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