यूपी पंचायत चुनाव: आरक्षण से पहले आधार वर्ष तय होना बाकी, कैबिनेट में जल्द जाएगा प्रस्ताव! #6 *D*

सारांश:

अप्रैल-मई 2026 में होने वाले यूपी पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण का आधार वर्ष (2015 या 2021) तय होना बाकी है। पंचायतीराज विभाग इस माह के अंत तक कैबिनेट को प्रस्ताव भेजेगा। आरक्षण रोटेशन के तहत 2011 की जनगणना के आधार पर एससी/एसटी/ओबीसी के लिए सीटें निर्धारित होंगी, जबकि 33% पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। आरक्षण तय करने की प्रक्रिया - रोटेशन का क्रम, किस वर्ग को मिलेंगे कितने पद, पढ़ें आज डीबीयूपी इंडिया की खास रिपोर्ट में।



यूपी पंचायत चुनाव: आरक्षण का आधार वर्ष अब तय होगा

अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि हर सीट किस वर्ग के लिए आरक्षित होगी? इसका जवाब आरक्षण के "आधार वर्ष" पर निर्भर करता है। पंचायतीराज विभाग इसी महीने कैबिनेट के सामने एक प्रस्ताव रखेगा, जिसमें तय होगा कि 2026 के चुनाव के लिए आधार वर्ष 2015 होगा, 2021 होगा या कोई अन्य वर्ष।

आधार वर्ष क्यों है जरूरी?

  • रोटेशन सिस्टम के नियम: आधार वर्ष में जो सीट किसी वर्ग (जैसे एससी, ओबीसी) के लिए आरक्षित थी, अगले चुनाव में वह उसी वर्ग को नहीं मिलेगी।
  • पिछला उदाहरण: 2021 के चुनाव में 2015 को आधार वर्ष माना गया था। यानी, 2015 में जिस वर्ग के लिए सीट आरक्षित थी, 2021 में उस वर्ग के उम्मीदवार उस सीट पर चुनाव नहीं लड़ सके।
  • 2026 की चुनौती: इस बार आधार वर्ष 2021 या 2015 में से किसी एक को चुनना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि 2011 की जनगणना के आधार पर आरक्षण प्रतिशत तय होने के कारण आधार वर्ष 2015 या 2021 ही होगा।

आरक्षण तय करने की प्रक्रिया

  1. जनसंख्या के आधार पर आवंटन:

    • किसी ब्लॉक में अगर अनुसूचित जाति (एससी) के लिए ग्राम प्रधान पद आरक्षित करने हैं, तो एससी आबादी के प्रतिशत के हिसाब से गाँवों को "ज्यादा से कम" क्रम में लगाया जाएगा।
    • आरक्षण उन ग्राम पंचायतों को दिया जाएगा, जो आधार वर्ष में एससी के लिए आरक्षित नहीं थीं।
  2. रोटेशन का क्रम:
    आरक्षण इस ऑर्डर में घूमेगा:

    • अनुसूचित जनजाति (एसटी) की महिलाएँ → एसटी → एससी की महिलाएँ → एससी → पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की महिलाएँ → ओबीसी → सामान्य महिलाएँ।

किस वर्ग को मिलेंगे कितने पद?

  • ग्राम प्रधान:

    • एसटी: लगभग 300 सीटें
    • एससी: लगभग 12,000 सीटें
    • ओबीसी: लगभग 15,500 सीटें
  • जिला पंचायत अध्यक्ष:

    • एससी: 16 सीटें
    • ओबीसी: 20 सीटें
  • क्षेत्र पंचायत प्रमुख:

    • एसटी: 5 सीटें
    • एससी: 171 सीटें
    • ओबीसी: 223 सीटें

महत्वपूर्ण: कुल पदों में से 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी।

चुनाव की तैयारियाँ और अगला कदम

प्रदेश की 75 जिला पंचायतों, 826 क्षेत्र पंचायतों और 57,691 ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव प्रक्रिया तभी पूरी हो सकेगी, जब आधार वर्ष का फैसला हो जाएगा। विभाग की कोशिश है कि कैबिनेट से जल्द मंजूरी मिले, ताकि ग्रामीणों को स्पष्टता मिल सके कि उनकी सीट किस वर्ग के लिए आरक्षित होगी।

नोट: सभी आँकड़े पंचायतीराज विभाग और जानकारों के अनुमानों पर आधारित हैं।

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