इटावा: यादव कथावाचकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट #6
सारांश:
इटावा के यादव कथावाचक मुकट सिंह व संत सिंह के खिलाफ एसीजेएम कोर्ट ने शुक्रवार (18 जुलाई) को गिरफ्तारी वारंट जारी किया। आरोप—जाति छिपाकर 21-27 जून को दादरपुर में भागवत कथा करना व दो फर्जी आधार कार्ड रखना। 22 जून को ब्राह्मणों ने दोनों को पीटकर सिर मुंडवाया व महिला के पैर पर नाक रगड़वाई थी। अखिलेश यादव ने पीड़ितों को सम्मानित किया था।
इटावा: यादव कथावाचकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट, पूरा घटनाक्रम समझें
एसीजेएम कोर्ट ने शुक्रवार को कथावाचक मुकट सिंह यादव और संत सिंह यादव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने अपनी यादव जाति छिपाकर 21 से 27 जून तक दादरपुर गांव में भागवत कथा की और दो फर्जी आधार कार्ड इस्तेमाल किए। इनकी अग्रिम जमानत अर्जी 16 जुलाई को खारिज हो चुकी थी।
22 जून की हिंसक घटना: कथावाचकों को पीटा गया, सिर मुंडवाया गया
22 जून को दादरपुर गांव में ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने मुकट सिंह और संत सिंह को पीटा। आरोपियों ने दोनों का सिर मुंडवा दिया और एक महिला यजमान के पैरों पर जबरन नाक रगड़वाई। वीडियो वायरल होने पर पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत की, जिसके बाद 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
यजमान ने क्यों दर्ज कराई काउंटर FIR?
24 जून को कथा के यजमान रेनू तिवारी ने थाना बकेवर में कथावाचकों के खिलाफ FIR दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया कि मुकट सिंह और संत सिंह ने जानबूझकर अपनी जाति छिपाई और दो अलग आधार कार्ड दिखाकर धार्मिक आयोजन में भाग लिया। मामले की जांच झांसी पुलिस को सौंपी गई, जिसने कोर्ट में गिरफ्तारी वारंट मांगा।
अखिलेश यादव ने कथावाचकों को किया सम्मानित, क्या बोले?
22 जून को ही सपा नेता अखिलेश यादव ने पीड़ित कथावाचकों को लखनऊ बुलाया। उन्हें ढोलक-हारमोनियम भेंट किए, 51-51 हजार रुपए देने का ऐलान किया और मौके पर 21-21 हजार रुपए दिए। अखिलेश ने कहा, "वर्चस्ववादी लोग सिर मुंडवा रहे हैं। सरकार हर असंवैधानिक काम का समर्थन करती है। अगर ऐतराज है तो कानून बनाएं कि सिर्फ ब्राह्मण ही कथा करेंगे।"
यादव संगठनों का प्रदर्शन: पुलिस से भिड़ंत, हवाई फायरिंग
25 जून को यादव संगठनों के करीब 2,000 लोगों ने दादरपुर गांव में प्रदर्शन किया। भीड़ ने पुलिस वाहनों पर पथराव किया, जिसके बाद CO और इंस्पेक्टर ने हवाई फायरिंग कर भीड़ को खदेड़ा। 19 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था—"ब्राह्मणों ने यादव होने के कारण कथावाचकों को पीटा, लेकिन पुलिस ने पीड़ितों के खिलाफ केस दर्ज किया।"
अब क्या है अगला कदम?
झांसी पुलिस के विवेचक जेपी पाल ने कथावाचकों की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट हासिल कर लिया है। दोनों अभी फरार हैं। मामला IPC की धारा 420 (छल), 467 (जालसाजी) और SC/ST एक्ट के तहत दर्ज है। पुलिस का कहना है—"तथ्यों की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।"
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