अयोध्या : सिविल कोर्ट में वादकारी की मौत, वकीलों ने गर्मी और सुविधाओं की कमी पर जताया आक्रोश #4 *DFE*

सारांश: 

अयोध्या के फैजाबाद सिविल कोर्ट की नई बहुमंजिला इमारत में गुरुवार को वादकारी पारस निषाद (बीकापुर निवासी) की सातवीं मंजिल पर अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। गर्मी, उमस और बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर अधिवक्ताओं ने तीखा आक्रोश जताया। मामले की जाँच चल रही है।



चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम

गुरुवार को अयोध्या के फैजाबाद सिविल कोर्ट की नई बहुमंजिला इमारत में एक दुखद घटना घटी। वादकारी पारस निषाद, जो बीकापुर का रहने वाला था, सातवीं मंजिल पर पहुँचते ही अचानक बीमार पड़ गया। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत मदद की कोशिश की, लेकिन कुछ ही मिनटों में वह वहीं गिरकर ढेर हो गया। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


इमारत पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?

यह पहली बार नहीं है जब कोर्ट की इस नई इमारत पर सवाल उठे हैं। अधिवक्ताओं का कहना है कि इमारत में गर्मी और उमस के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं (जैसे पर्याप्त वेंटिलेशन, पीने का पानी और एलिवेटर) की गंभीर कमी है। ऐसे में सातवीं मंजिल तक पैदल चढ़ना खतरनाक हो सकता है, खासकर बुजुर्ग या स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के लिए।

वकीलों में क्यों है आक्रोश?

मौत की खबर फैलते ही कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं ने जोरदार आक्रोश जताया। उनका आरोप है कि प्रशासन लगातार इमारत की खामियों को नजरअंदाज कर रहा है। एक वकील ने बताया, "गर्मियों में यहाँ तापमान 40°C के पार पहुँच जाता है, लेकिन कूलिंग सिस्टम नहीं है। आज जो हुआ, वह लापरवाही का नतीजा है।" कई ने तत्काल सुविधाओं में सुधार और मृतक के परिवार को मुआवजा देने की माँग की।

मामले की स्थिति क्या है?

पुलिस मौत के सटीक कारणों की जाँच कर रही है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, पारस किसी मुकदमे के सिलसिले में कोर्ट आया था। उसके स्वास्थ्य इतिहास या अंतिम समय में हुई घटनाओं का विवरण अभी सामने नहीं आया है। प्रशासन ने जाँच समिति गठित करने का ऐलान किया है, लेकिन वकील संघ ने इसे "दिखावटी कार्रवाई" बताते हुए ठोस कदमों की माँग जारी रखी है।

आगे क्या होगा?

इस घटना के बाद कोर्ट परिसर में सुविधाओं को लेकर बहस तेज हो गई है। जिला प्रशासन ने इमारत का निरीक्षण करने और एमरजेंसी मेडिकल सुविधाएँ बढ़ाने का वादा किया है। हालाँकि, वकीलों का कहना है कि अब तक के वादे अधूरे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर 48 घंटे के भीतर समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे विरोध प्रदर्शन शुरू कर देंगे।


नोट: खबर स्रोतों और आधिकारिक जानकारी पर आधारित है। घटनाक्रम अपडेट होने पर नई जानकारी जोड़ी जाएगी।

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