अयोध्या: भीखीपुरवा में हाथी का 6 घंटे तक उत्पात, पीलवान बाल-बाल बचे; वन विभाग की टीम जुटी #6 *PPPPP*
सारांश:
अयोध्या के मिल्कीपुर क्षेत्र के भीखी का पुरवा गांव में शनिवार सुबह 7 बजे एक हाथी ने उत्पात मचाया। हाथी ने पीलवान और साथियों को गिराया, जो बाल-बाल बचे। वन विभाग की टीम 6 घंटे से हाथी को काबू करने में जुटी है। अब हाथी मोहम्मदपुर जंगल की ओर चला गया। ग्रामीण रोजाना उसे चारा खिलाते थे। स्थानीय सूत्र के मुताबिक हाथी मुसाफिरखाना से भीखी का पुरवा गांव तक अक्सर आना जाना करता था।
गांव में कैसे शुरू हुआ हंगामा?
शनिवार सुबह 7 बजे, अयोध्या जिले के मिल्कीपुर क्षेत्र के भीखी का पुरवा गांव में अचानक एक हाथी ने दहशत फैला दी। हाथी ने संतुलन खोकर खेतों और आबादी में अनियंत्रित दौड़ लगाई। ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर भागे। स्थानीय प्रशासन को सूचना दे दी गई।
वन विभाग की कार्रवाई और ग्रामीणों की मुश्किलें
वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। हालांकि, 6 घंटे की कोशिशों के बावजूद हाथी को काबू नहीं किया जा सका। अधिकारी ग्रामीणों को सुरक्षित दूरी बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं। इस दौरान हाथी ने पीलवान और उनके साथियों पर हमला किया, जो बाल-बाल बच गए।
हाथी क्यों बना आक्रामक? सामने आई वजह
सूत्रों के अनुसार, यह हाथी एक मुसाफिर का है। गांव के निवासी रोजाना उसे चारा खिलाते थे। घटना के समय हाथी चारा ले जा रहा था, जब अचानक मदमस्त हो गया। वन विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसा तब होता है जब हाथी तनाव, चोट या भोजन की तलाश में गुस्से में आ जाते हैं। खासकर जंगल सिकुड़ने से ऐसे हमले बढ़ रहे हैं।
अब कहां है हाथी?
ताजा जानकारी के मुताबिक, हाथी गांव से पश्चिम में स्थित मोहम्मदपुर के जंगल की ओर चला गया है। ग्रामीण और वन विभाग अब भी उसे ट्रैक करने में जुटे हैं। स्थिति पर नजर बनाई हुई है।
क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे हादसे?
वन्यजीव विशेषज्ञ बताते हैं कि हाथी आमतौर पर तीन वजहों से आक्रामक होते हैं:
- जंगलों की कटाई से उनका प्राकृतिक ठिकाना सिमट रहा है।
- मस्त अवस्था (मस्ट) में नर हाथी हार्मोनल बदलावों के कारण हिंसक हो जाते हैं।
- खेतों में उगी फसलें (गन्ना, केला) उन्हें बस्तियों की ओर खींचती हैं।
इन हालातों में वन विभाग और ग्रामीणों का सहयोग जरूरी है ताकि ऐसे संघर्ष टाले जा सकें।
अपडेट: वन विभाग ने हाथी को शांत करने के लिए दल तैनात किया है। ग्रामीणों से सतर्कता बरतने को कहा गया है।
DBUP India - अयोध्या, 5 जुलाई 2025
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें