मथुरा: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का बांके बिहारी मंदिर में विरोध, महिलाओं ने घेरा, सेवायतों ने लगाया पर्दा #5 *HLW*

[सारांश:]

 मथुरा में बांके बिहारी मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का महिलाओं और गोस्वामियों ने विरोध किया। काली पट्टी बांधकर नारेबाजी, सेवायतों ने पर्दा लगाया, कथित तौर पर पुलिस ने बदसलूकी की। मंत्री ने कुछ महिलाओं को बातचीत के लिए बुलाया।



मथुरा में हुआ क्या? पूरा घटनाक्रम
मथुरा के वृंदावन में शनिवार, 19 जुलाई 2025 को उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। लेकिन वहां मौजूद कुछ महिलाओं और मंदिर के गोस्वामियों ने उनका जमकर विरोध किया। यह विरोध बांके बिहारी कॉरिडोर और न्यास से जुड़े मुद्दों को लेकर था। महिलाओं ने काली पट्टी बांधकर नारेबाजी की और मंत्री को ज्ञापन सौंपने की कोशिश की। स्थिति तब और बिगड़ गई जब मंदिर के सेवायतों ने मंत्री के दर्शन के दौरान पर्दा लगा दिया, जिससे उन्हें चंद सेकंड ही दर्शन मिल सके। इसके बाद उन्हें न तो प्रसाद दिया गया और न ही पटका पहनाया गया।

महिलाओं का गुस्सा और पुलिस की बदसलूकी
महिलाएं बांके बिहारी कॉरिडोर और न्यास के मुद्दों को लेकर नाराज थीं। विरोध के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ कथित तौर पर बदसलूकी की। हंगामा बढ़ता देख अधिकारियों ने जल्दबाजी में ऊर्जा मंत्री को मंदिर के गेट नंबर 4 से बाहर निकाला। इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ। जब एके शर्मा वीआईपी रोड पर जुगल गोस्वामी की गद्दी पर पहुंचे, वहां भी महिलाओं ने प्रदर्शन जारी रखा और नारेबाजी की।

महिलाओं से बातचीत और उनकी मांगें
जुगल गोस्वामी की गद्दी पर हंगामे के बाद मंत्री एके शर्मा ने चार महिलाओं को बातचीत के लिए बुलाया। इस दौरान महिलाओं ने कॉरिडोर और न्यास से जुड़ी अपनी समस्याएं और आपत्तियां उनके सामने रखीं। हालांकि, इस मुलाकात का कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। विरोध का मुख्य कारण बांके बिहारी मंदिर के कॉरिडोर प्रोजेक्ट और न्यास से जुड़े नियमों को लेकर स्थानीय लोगों और गोस्वामियों की नाराजगी थी।

क्यों हो रहा है कॉरिडोर का विरोध?
बांके बिहारी मंदिर में कॉरिडोर प्रोजेक्ट लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। स्थानीय लोग और मंदिर से जुड़े गोस्वामी इस प्रोजेक्ट को लेकर कई सवाल उठा रहे हैं। उनका मानना है कि इससे मंदिर की परंपराओं और स्थानीय संस्कृति पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, न्यास के कुछ नियमों को लेकर भी असंतोष है। यही कारण है कि ऊर्जा मंत्री के मंदिर दर्शन के दौरान यह विरोध सामने आया।

आगे क्या?
इस घटना ने मथुरा में बांके बिहारी कॉरिडोर और न्यास के मुद्दों को फिर से चर्चा में ला दिया है। स्थानीय लोगों और मंदिर प्रशासन के बीच तनाव को कम करने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे। फिलहाल, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। दूसरी ओर, प्रदर्शनकारी महिलाएं और गोस्वामी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।

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