यूपी : धर्मांतरण मास्टरमाइंड छांगुर बाबा की 3 करोड़ की कोठी पर बुलडोजर, योगी बोले- "ऐसी सजा याद रखेगा समाज" #9

सारांश: 

बलरामपुर में मंगलवार को प्रदेश में धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की 3 करोड़ की कोठी पर 9 बुलडोजर चले। प्रशासन ने 20 कमरे व 40x40 फीट हॉल ढहाया। योगी आदित्यनाथ ने कहा- "आरोपी की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की सजा समाज याद रखेगा, संपत्ति जब्त होगी।" 17 मई, 17 जून व 7 जुलाई को अवैध निर्माण हटाने का नोटिस दिया गया था। बता दें, यह सैकड़ो करोड़ की फंडिंग के द्वारा उत्तर प्रदेश की बहन बेटियों खास तौर पर ब्राह्मण, क्षत्रिय और सिख (अन्य के लिए कम) को मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करने वाले को 10 लाख रुपए देता था।



चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम

मंगलवार सुबह 10 बजे बलरामपुर प्रशासन की टीम उतरौला-मनकापुर मुख्य मार्ग पर स्थित छांगुर बाबा की कोठी पर पहुंची। मेन गेट पर ताला लगा था, जिसे डीएम पवन अग्रवाल की निगरानी में तोड़ा गया। शुरुआत में 3 बुलडोजर लाए गए, लेकिन बाद में कुल 9 बुलडोजर मंगवाकर कार्रवाई तेज की गई। शाम 5 बजे तक कोठी के 20 कमरे और 40 फीट लंबा-चौड़ा हॉल पूरी तरह ढहा दिया गया। बुधवार सुबह 10 बजे फिर से शेष अवैध निर्माण गिराए जाएंगे।

कोठी की बनावट और सुरक्षा में थी आपराधिक चालाकी

यह कोठी 3 बीघा ज़मीन पर बनी थी और इसकी लागत करीब 3 करोड़ रुपये थी। इसमें 70 से ज़्यादा कमरे व हॉल थे, जिनमें से 40 कमरों वाले हिस्से को अवैध बताया गया। सुरक्षा के नाम पर कोठी के चारों ओर बाउंड्री वाल पर करंट वाले तार लगे थे, जिनमें रात को बिजली दौड़ाई जाती थी। 10 सीसीटीवी कैमरे लगे थे और मेन गेट से कोठी तक 500 मीटर की प्राइवेट रोड बनी हुई थी। खास बात यह है कि यह संपत्ति बाबा की महिला मित्र नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर थी, जिसका खुद छांगुर बाबा ने धर्मांतरण किया था।

नोटिस नहीं मिलने पर हुई कार्रवाई

उतरौला तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति ने बताया कि 17 मई, 17 जून और 7 जुलाई 2024 को अवैध निर्माण हटाने का नोटिस दिया गया था। कोई जवाब न मिलने पर प्रशासन ने कार्रवाई का फैसला लिया। जांच में पाया गया कि 2041 स्क्वायर फीट में अवैध निर्माण किया गया था। कार्रवाई के दौरान 5 थानों के इंचार्ज और भारी पुलिस बल मौजूद रहा।

कौन है छांगुर बाबा और क्यों है चर्चा में?

यूपी एटीएस के मुताबिक, छांगुर बाबा इसी कोठी से जबरन धर्मांतरण का नेटवर्क चलाता था। उसके टारगेट पर हिंदू लड़कियां थीं, जिन्हें जाति के आधार पर अलग-अलग रकम दी जाती थी:

  • ब्राह्मण, सरदार व क्षत्रिय लड़कियां: 15-16 लाख रुपये
  • पिछड़ी जाति: 10-12 लाख रुपये
  • अन्य जाति: 8-10 लाख रुपये
    शनिवार को एटीएस ने छांगुर बाबा और नसरीन को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। नवंबर 2024 में ही उनके खिलाफ लखनऊ में मुकदमा दर्ज किया गया था।

योगी सरकार का सख्त रुख, क्या कहा?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया: "आरोपी जमालुद्दीन की गतिविधियां समाज विरोधी ही नहीं, बल्कि राष्ट्र विरोधी भी हैं। उसके गिरोह से जुड़े सभी अपराधियों की संपत्ति जब्त की जाएगी और कानून के मुताबिक ऐसी सजा दी जाएगी जो समाज याद रखेगा।"

अब क्या है आगे की रणनीति?

प्रशासन बुधवार सुबह 10 बजे कोठी के शेष अवैध हिस्से को गिराने का काम पूरा करेगा। एटीएस जांच दर्शाती है कि छांगुर बाबा करीब 70 दिन लखनऊ के एक होटल में रहा था, जहां से वह अपने नेटवर्क को संचालित कर रहा था। अब उसकी संपत्तियों को जब्त करने की कार्यवाही भी तेज की जाएगी।


DBUP India, ब्यूरो
बलरामपुर, उत्तर प्रदेश

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