यूपी: 31 जुलाई को 75 जिलों में शिक्षकों का प्रदर्शन, तबादले-पेंशन पर आक्रोश #5 *OOP*
[सारांश:]
उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षक 31 जुलाई को 75 जिलों में प्रदर्शन करेंगे। तबादला नीति में खामियां, पुरानी पेंशन की मांग, 2000 शिक्षकों को पेंशन न मिलने और शिक्षा विभाग की उपेक्षा से नाराजगी।
उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक सरकार के खिलाफ एकजुट होकर सड़कों पर उतरने को तैयार हैं। आगामी 31 जुलाई को प्रदेश के सभी 75 जिलों में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। शिक्षकों का गुस्सा तबादला नीति, पेंशन और विभागीय रवैये को लेकर चरम पर है। आइए, इस मुद्दे को विस्तार से समझते हैं।
शिक्षकों के प्रदर्शन की वजह क्या है?
शिक्षकों का कहना है कि सरकार की नीतियां और शिक्षा विभाग की कार्यशैली उनकी परेशानियों को बढ़ा रही है। मुख्य शिकायतें इस प्रकार हैं:
- तबादला नीति में खामियां: ऑनलाइन और ऑफलाइन तबादला प्रक्रिया में गंभीर समस्याएं हैं, जिससे शिक्षकों को असुविधा हो रही है।
- पुरानी पेंशन की मांग: लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग उठ रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
- 2000 शिक्षकों को पेंशन का इंतजार: करीब 2000 शिक्षकों को अभी तक पेंशन नहीं मिली, जिससे उनमें नाराजगी बढ़ रही है।
- विभाग का रवैया: शिक्षकों का आरोप है कि शिक्षा विभाग में संवाद की कमी है और अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं।
- उपेक्षा से आक्रोश: विभागीय अनदेखी और शिकायतों पर कार्रवाई न होने से शिक्षकों का गुस्सा चरम पर पहुंच गया है।
शिक्षकों का मानना है कि इन समस्याओं का समाधान जरूरी है, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
शिक्षक क्या चाहते हैं?
शिक्षकों का विरोध सिर्फ शिकायतों तक सीमित नहीं है, बल्कि वे इन मुद्दों पर कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि तबादला नीति को सुधारा जाए, पुरानी पेंशन बहाल हो और लंबित पेंशन का भुगतान जल्द हो। साथ ही, शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बेहतर संवाद और उनकी शिकायतों पर ध्यान देने की मांग भी प्रमुख है।
सरकार की चुप्पी
अभी तक सरकार या शिक्षा विभाग की ओर से इस प्रदर्शन को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। शिक्षकों का कहना है कि उनकी मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे उनका भरोसा टूट रहा है। यह प्रदर्शन सरकार के लिए एक बड़ा संकेत हो सकता है कि शिक्षकों की समस्याओं को गंभीरता से लेना जरूरी है।
आगे क्या होगा?
31 जुलाई को होने वाला यह प्रदर्शन पूरे प्रदेश में शिक्षकों की एकता और उनकी मांगों की गंभीरता को दिखाएगा। शिक्षक उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार उनकी बात सुनेगी और इन मुद्दों का हल निकालेगी। डीबीयूपी इंडिया इस घटना पर नजर रखे हुए है और आगे की जानकारी साझा करता रहेगा।
(नोट: यह जानकारी उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है। हमने ट्विटर से सत्यापन किया, लेकिन इस खबर से संबंधित कोई नई आधिकारिक अपडेट अभी तक नहीं मिली।)
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