रूदौली: अवैध मेडिकल सेंटर सील, गर्भवती महिलाओं को सीएचसी भेजा, आशा कार्यकर्ताओं की सेवाएँ समाप्त #5
सारांश:
रूदौली में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने न्यू मुस्कान मेडिकल सेंटर पर छापा मारा। बिना डॉक्टर-स्टाफ वाले सेंटर में गर्भवती नूरी व सोनमती को सिजेरियन के लिए लाया गया था। सेंटर सील किया गया, दोनों महिलाओं को सीएचसी रूदौली भेजकर सफल ऑपरेशन कराया गया। आशा कार्यकर्ताओं की सेवाएँ समाप्त की गईं।
क्या हुआ रूदौली में?
रूदौली के न्यू मुस्कान मेडिकल सेंटर में अवैध गतिविधियों का भंडाफोड़ हुआ। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुशील कुमार बलियान के नेतृत्व में स्वास्थ्य टीम ने आकस्मिक निरीक्षण के दौरान पाया कि सेंटर बिना लाइसेंसधारी डॉक्टर या प्रशिक्षित स्टाफ के चल रहा था। यह खुलासा तब हुआ जब दो गर्भवती महिलाओं, नूरी और सोनमती, को वहाँ सिजेरियन डिलीवरी के लिए लाया गया।
निरीक्षण में क्या मिला?
सीएमओ को गोपनीय सूचना मिलने पर स्वास्थ्य टीम और पुलिस ने छापा मारा। पाया गया कि:
- सेंटर में बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं का अभाव था।
- सिजेरियन जैसी जटिल प्रक्रिया के लिए न तो ज़रूरी उपकरण थे, न प्रशिक्षित कर्मचारी।
- दो आशा कार्यकर्ताएँ गर्भवती महिलाओं को सेंटर लेकर आई थीं, जो स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
गर्भवती महिलाओं का क्या हुआ?
मेडिकल सेंटर में अव्यवस्था देखकर दोनों महिलाओं को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) रूदौली भेजा गया। वहाँ जिला मुख्यालय से बुलाई गई सर्जन टीम ने नूरी और सोनमती का सफल सिजेरियन ऑपरेशन किया। दोनों माँ और नवजात अब स्वस्थ हैं।
आशा कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई क्यों हुई?
जाँच में पता चला कि दोनों गर्भवती महिलाएँ पहले सीएचसी पहुँची थीं, लेकिन डेढ़ घंटे इंतजार के बाद आशा कार्यकर्ताओं ने उन्हें अवैध सेंटर ले जाने का फैसला किया। सीएमओ डॉ. बलियान ने इसे "गंभीर लापरवाही" बताते हुए दोनों आशा कर्मियों की सेवाएँ तत्काल समाप्त कर दीं।
अब तक क्या कार्रवाई हुई?
स्वास्थ्य टीम ने मेडिकल सेंटर को तुरंत सील कर दिया। डॉ. बलियान ने बताया कि सेंटर संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे अवैध केंद्रों पर नजर रखी जाएगी और मानकों का उल्लंघन करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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