अयोध्या: कांग्रेस कार्यालय में दोहरा ताला, पूर्व सांसद निर्मल खत्री बोले- "पहले गुंडों से पार्टी बचाओ" #7 *KJW* (1)
सारांश:
अयोध्या के कांग्रेस कार्यालय कमला नेहरू भवन में पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव ने अध्यक्ष कक्ष पर ताला लगाया, जिसके बाद मौजूदा अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने दूसरा ताला जड़ा। विवाद ए.सी की लागत (निजी बनाम पार्टी फंड) को लेकर है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने दोनों अध्यक्ष को 10 जून को लखनऊ तलब किया। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद डॉ. निर्मल खत्री ने "संविधान बचाओ" आयोजन पर सवाल उठाते हुए कहा— "पहले गुंडों-माफियाओं से कांग्रेस को बचाओ।"
अयोध्या कांग्रेस में तालों का टकराव: पूरा घटनाक्रम
क्यों लगा ताला?
रिकाबगंज स्थित कांग्रेस कार्यालय कमला नेहरू भवन में विवाद की शुरुआत तब हुई जब पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार (7 जून) को अध्यक्ष कक्ष पर ताला लगा दिया। उनका दावा था कि कमरे में लगा एसी उनके निजी पैसे से खरीदा गया था, जिसे पार्टी वापस नहीं कर रही। जवाब में मौजूदा अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने दूसरे कमरे पर अपना ताला लगाया। पार्टी का पक्ष है कि एसी पार्टी फंड से लगाया गया था।
पुलिस और प्रदेश नेतृत्व का हस्तक्षेप
तनाव बढ़ने पर पुलिस मौके पर पहुंची। अखिलेश यादव ने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से फोन पर बात करवाई, जिन्होंने उनका पक्ष लिया। इसके बाद पुलिस वापस लौट गई। हालांकि, मामले ने तूल पकड़ा तो राय ने दोनों नेताओं को सोमवार (10 जून) को लखनऊ बुलाया।
"संविधान बचाओ" पर खत्री का तीखा प्रहार
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. निर्मल खत्री ने कांग्रेस के "संविधान बचाओ" अभियान पर सवाल उठाते हुए एक कार्यकर्ता के ट्वीट को रिट्वीट किया। उन्होंने कहा—
"पहले गुंडों-माफियाओं से कांग्रेस को बचाओ। जिला स्तर के नेता हिम्मत दिखाएं तभी संविधान बच पाएगा।"
खत्री का इशारा अखिलेश यादव की कार्रवाई और पार्टी में बढ़ रहे अनुशासनहीनता के आरोपों की ओर था।
पार्टी के भीतर बढ़ती आलोचना
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने अजय राय को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि वे जिला इकाई को "अनुशासनहीनता की राह" पर ले जा रहे हैं। पत्र में कहा गया—
"पार्टी गुंडों को प्रश्रय दे रही है। यह स्थिति कार्यकर्ताओं के मनोबल को तोड़ रही है।"
आगे क्या?
अयोध्या जिला कांग्रेस में यह टकराव पार्टी के आंतरिक संकट को उजागर करता है। लखनऊ बैठक के परिणाम पर सभी की नज़र टिकी है। क्या प्रदेश नेतृत्व विवाद का कोई स्थायी हल निकाल पाएगा, यह अब देखना बाकी है।
नोट: सभी जानकारी स्रोत पर आधारित है। ।
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