कानपुर : DM से टकराव के बाद CMO सस्पेंड, BJP विधायकों में बंटे; सस्पेंशन के तीन कारण #9

सारांश:

कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह से टकराव के बाद सीएमओ डॉ. हरी दत्त नेमी को 19 जून को सस्पेंड कर दिया गया। इस मामले में 7 भाजपा विधायक विभाजित हो गए—कुछ ने डिप्टी सीएम को सपोर्ट लेटर भेजे, तो कुछ ने सीएम से कार्रवाई की मांग की। सस्पेंशन के तीन कारण गैर-नियमित भर्ती, परिणाम जारी न करना और वित्तीय अनियमितताएं बताए गए। डॉ. नेमी को मुख्यालय अटैच किया गया और विभागीय जांच शुरू हुई।



चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम

5 फरवरी, 2025 को कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने सीएमओ कार्यालय में छापा मारा। इस दौरान सीएमओ डॉ. हरी दत्त नेमी समेत 34 अधिकारी-कर्मचारी गैरहाजिर मिले। डीएम ने सभी का एक दिन का वेतन रोक लिया और वीडियो जारी कर कहा, "रजिस्टर में नाम हैं, लेकिन कर्मचारी ऑफिस में नहीं।" इसके बाद डीएम लगातार स्वास्थ्य केंद्रों की कमियां उजागर करते रहे, लेकिन सीएमओ ने लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

राजनीति में क्यों उछला मामला?

15 अप्रैल को डीएम ने शासन को पत्र लिखकर सीएमओ को हटाने की मांग की। जवाब में, डॉ. नेमी ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से मुलाकात की और दावा किया कि वे भाजपा नेताओं के सुझाव मानते रहे। महाना ने 11 जून को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को पत्र लिखकर सीएमओ का समर्थन किया। इसके बाद दो भाजपा विधायकों—अरुण पाठक (14 जून) और सुरेंद्र मैथानी (15 जून)—ने भी डिप्टी सीएम को सपोर्ट लेटर भेजे।

हालांकि, 16 जून को भाजपा विधायक अभिजीत सिंह और महेश त्रिवेदी ने सीधे सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सीएमओ को "भ्रष्टाचारी" बताया। इससे पार्टी में खेमेबंदी साफ हो गई।

ऑडियो वायरल होने ने बढ़ाई आग

जून के दूसरे सप्ताह में सीएमओ के ड्राइवर सूरज का ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें डीएम को भ्रष्टाचारी कहा गया। फिर 13 जून को डॉ. नेमी का एक ऑडियो सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा, "यूपी के 75 जिलों में यही एक डीएम ढोल बजा रहा है। महिला कर्मचारी परेशान हैं। किसी दिन कोई महिला ब्लाउज फाड़ेगी, तब पता चलेगा।" डॉ. नेमी ने बाद में दावा किया कि यह "AI जनित फेक ऑडियो" था।

बैठक से निकालने का वाकया

14 जून को डीएम ने सीएम डैशबोर्ड समीक्षा बैठक से सीएमओ को बाहर कर दिया। डॉ. नेमी के मुताबिक, डीएम ने उनसे कहा, "आप तो AI हो गए थे? लेकिन जिंदा बैठे हो!" जब डीएम ने ऑडियो के बारे में पूछा, तो सीएमओ ने इनकार किया। इस पर डीएम ने जांच कर एफआईआर दर्ज करने को कहा और हाथ पकड़कर बैठक से बाहर भेज दिया।

सस्पेंशन के तीन कारण क्या हैं?

19 जून को चिकित्सा विभाग ने डॉ. नेमी को सस्पेंड करते हुए तीन कारण गिनाए:

  1. भर्ती में अनियमितता: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की वेबसाइट पर रिक्त पदों का विज्ञापन न करना।
  2. जानबूझकर देरी: आयुष परीक्षा के इंटरव्यू रिजल्ट चार दिन में जारी न करना, जबकि जिला स्वास्थ्य समिति ने स्पष्ट आदेश दिया था।
  3. वित्तीय उल्लंघन: वरिष्ठ वित्त अधिकारी को ड्यूटी से हटाकर उनका काम गैर-वित्त अधिकारी से करवाना।

अब आगे क्या?

डॉ. हरी दत्त नेमी को मुख्यालय भेज दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो चुकी है। उनकी जगह श्रावस्ती के सीएमओ डॉ. उदयनाथ को कानपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर तंज कसते हुए कहा, "यह सीएम और डिप्टी सीएम का झगड़ा है।" अब निगरानी इस बात पर है कि भाजपा के भीतर चल रही खींचतान का असर प्रशासनिक कार्रवाई पर पड़ेगा या नहीं।


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