अयोध्या : खंडासा चौकी प्रभारी पर दुर्व्यवहार का आरोप, धरना व जल समाधि की थी चेतावनी CO के आश्वासन पर धरना वापस *KJH* #4
सारांश:
अयोध्या के खण्डासा चौकी प्रभारी गोविंद अग्रवाल पर किसान कार्यकर्ता गुरुदीन के साथ ज़मीनी विवाद में ज़बरन कागज़ात पर हस्ताक्षर कराने व अभद्र व्यवहार का आरोप। किसान यूनियन ने धरना व पीड़ित 2 जून को जल समाधि की धमकी दी, सीओ मिल्कीपुर श्रीयश त्रिपाठी व अन्य पुलिस टीम के तुरंत पहुंचने और तीन दिन में जाँच व कार्रवाई के आश्वासन पर धरना वापस लिया गया - कार्रवाई नहीं हुई तो फिर धरना होगा।
चौकी प्रभारी के खिलाफ आरोप, किसानों ने दिया अल्टीमेटम
भारतीय किसान यूनियन किसान सेना ने खण्डासा चौकी प्रभारी गोविंद अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर 2 जून 2025 तक का अल्टीमेटम दिया था। संगठन ने चेतावनी दी थी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे उसरन भवानी मंदिर से अयोध्या पहुँचकर सरयू नदी में जल समाधि लेंगे।
27 मई की घटना क्या थी?
मामला 27 मई 2025 का है, जब संगठन के जिला अध्यक्ष ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर आरोप लगाया कि चौकी प्रभारी ने कार्यकर्ता गुरुदीन के साथ दुर्व्यवहार किया। गुरुदीन और गाँव के सरवन तिवारी के बीच आबादी की ज़मीन को लेकर विवाद था। आरोप है कि चौकी प्रभारी ने गुरुदीन को बुलाकर दूसरे पक्ष की गैरमौजूदगी में ज़बरदस्ती कागज़ों पर हस्ताक्षर करवाए और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
प्रशासन ने कैसे शांत किया माहौल?
धमकी की गंभीरता को देखते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) मिल्कीपुर श्रीयश त्रिपाठी, प्रभारी निरीक्षक संदीप कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँचे। सीओ ने संगठन के मंडल अध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव से बातचीत की और तीन दिनों में पूरी जाँच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
किसान नेता ने क्या कहा?
अरुण कुमार श्रीवास्तव ने धरना वापस लेते हुए स्पष्ट किया, "हम प्रशासन के वादे पर भरोसा कर रहे हैं, लेकिन हमारी मांग पूरी तरह जायज है। यदि तीन दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो हम सीओ कार्यालय के सामने फिर धरना देंगे।" उन्होंने जोर देकर कहा कि किसान यूनियन किसानों के हक़ के लिए किसी भी हद तक जाएगी।
इनकी रही मौजूदगी
इस घटना में संगठन के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र नाथ, महिला जिला अध्यक्ष अवंतिका भारतीय, ब्लॉक प्रभारी राधा कुमारी और जिला संगठन प्रभारी अजय यादव समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। पुलिस ने संवेदनशीलता दिखाते हुए त्वरित हस्तक्षेप कर विवाद शांत किया, लेकिन अब सभी की निगाहें जाँच रिपोर्ट पर टिकी हैं।
(रिपोर्ट: DBUP India, अयोध्या
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें