CM योगी जन्मदिन पर अयोध्या में राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा, द्वापर युग की तिथि पर मुख्य अतिथि #14 *OIW*
सारांश:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 5 जून को जन्मदिन और विश्व पर्यावरण दिवस इस बार खास है। वे अयोध्या में राम दरबार व पूरक मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य अतिथि होंगे। यह तिथि श्रीकृष्ण के द्वापर युग की शुरुआत, गंगा अवतरण दिवस और रामेश्वरम स्थापना जैसे पवित्र संयोगों से जुड़ी है। गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों (दिग्विजयनाथ, अवेद्यनाथ, योगी) ने राम मंदिर आंदोलन में ऐतिहासिक भूमिका निभाई।
जन्मदिन पर ऐतिहासिक सौभाग्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए 5 जून का दिन हमेशा खास रहा है। यह उनका जन्मदिन भी है और विश्व पर्यावरण दिवस भी। इस बार यह तिथि और भी यादगार बनने वाली है। कारण? अयोध्या के राम मंदिर परिसर में "राम दरबार" सहित अन्य मंदिरों में देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक कार्यक्रम। योगी इसके मुख्य अतिथि होंगे।
क्यों अद्वितीय है यह तिथि?
5 जून (ज्येष्ठ शुक्ल दशमी) को चार पवित्र संयोग एक साथ जुड़ रहे हैं:
- द्वापर युग की शुरुआत: इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण का युग प्रारंभ हुआ।
- गंगा अवतरण दिवस: गंगा नदी का धरती पर अवतरण हुआ, जिसे गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है।
- रामेश्वरम स्थापना: त्रेता युग में भगवान राम ने लंका विजय से पहले इसी तिथि पर रामेश्वरम की स्थापना की।
- शुभ मुहूर्त: राम मंदिर ट्रस्ट ने हर बड़े आयोजन की तरह इस कार्यक्रम के लिए भी शुभ तिथि चुनी है।
"नौमी तिथि मधुमास पुनीता..."
– तुलसीदास ने रामचरितमानस में शुभ मुहूर्त का जिक्र करते हुए लिखा कि भगवान राम का अवतार भी ऐसे ही पवित्र क्षण में हुआ।
गोरक्षपीठ: राम मंदिर आंदोलन की रीढ़
राम मंदिर निर्माण में गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों ने ऐतिहासिक भूमिका निभाई:
- दादागुरु दिग्विजयनाथ (1935-1969): 1949 में रामलला के प्राकट्य के समय मौजूद थे। उन्होंने संतों को एकजुट कर आंदोलन को संगठित आकार दिया।
- गुरु अवेद्यनाथ (1969-2014): 1984 में "श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति" के अध्यक्ष बने। 1989 में दिल्ली के बोट क्लब में विराट हिंदू सम्मेलन आयोजित कर 9 नवंबर 1989 को शिलान्यास की घोषणा की।
- योगी आदित्यनाथ: गुरु के सपने को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री के रूप में अयोध्या के कायाकल्प में जुटे। 2020 में भूमि पूजन से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक हर चरण में मौजूद रहे।
अयोध्या का कायाकल्प: CM योगी की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी ने 100 से अधिक बार अयोध्या दौरा किया। उनका लक्ष्य है:
"अयोध्या को विश्व का सबसे खूबसूरत धार्मिक पर्यटन स्थल बनाना।"
इसके तहत:
- त्रेता युग जैसी भव्यता लौटाने के प्रयास
- दीपोत्सव जैसे आयोजनों से अयोध्या की नई छवि निर्मित की
- गोस्वामी तुलसीदास के शब्दों में: "अवधपुरी अति रुचिर बनाई..."
आगे क्या?
प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर निर्माण का अंतिम चरण तेजी से पूरा होगा। CM योगी की उपस्थिति इस ऐतिहासिक पल को और महत्वपूर्ण बना देगी – जहां व्यक्तिगत जन्मदिन, धार्मिक विरासत और राष्ट्रीय गौरव एक साथ टकरा रहे हैं।
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