इटावा : यादव कथावाचक को ब्राह्मणों ने पीटा, अखिलेश ने दिया सम्मान; ब्राह्मणों का दावा—"निमंत्रण पत्रों में खुद को पंडित लिखवाया था" #7 *LPW* (1)

सारांश:

इटावा के दादरपुर गांव में 22 जून को ब्राह्मणों ने यादव कथावाचक मुकुटमणि सिंह और साथियों की पिटाई की, सिर मुंडवाए व हारमोनियम तोड़ा। इस अपमान के बदले अखिलेश यादव ने पीड़ितों को लखनऊ बुलाकर 21-21 हजार रुपये दिए, ढोलक-हारमोनियम गिफ्ट किए। ब्राह्मण महासभा ने कथावाचक पर जाति छिपाने (निमंत्रण पत्रों में खुद को "आचार्य पंडित मुकटमणि" लिखवाया था) धार्मिक भावना भड़काने और महिलाओं से अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। क्षत्रिय बनाम यादव के बाद, प्रदेश में ब्राह्मण बनाम यादव बना माहौल ! 



इटावा में क्या हुआ?

22 जून को इटावा के दादरपुर गांव में ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने कथावाचक मुकुटमणि सिंह (कानपुर निवासी) और उनके तीन साथियों को घेरकर पीटा। आरोपियों ने पहले उनकी जाति पूछी, और जब पता चला कि वे यादव हैं, तो उन पर "दलित होने का आरोप" लगाते हुए हमला किया। कथावाचक के मुताबिक, उन्हें धमकाया गया—"ब्राह्मणों के गांव में भागवत पाठ करने की हिम्मत कैसे की?"। इसके बाद:

  • कथावाचक और साथियों के सिर मुंडवाए गए।
  • एक महिला सहयोगी जबरन पैर पर नाक रगड़वाई।
  • उनका हारमोनियम तोड़ दिया गया और ढोलक छीन ली गई।

घटना का वीडियो 24 जून को सामने आया, जिसके बाद मामला तूल पकड़ता गया।



अखिलेश यादव ने कैसे किया सम्मान?

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पीड़ित कथावाचकों को 24 जून को लखनऊ बुलाया। उन्होंने:

  • मुकुटमणि सिंह को नया हारमोनियम और ढोलक गिफ्ट किया।
  • उनसे भागवत कथा सुनवाई।
  • 21-21 हजार रुपये (कुल 84 हजार) लिफाफे में दिए, और 51-51 हजार रुपये और देने का ऐलान किया।

अखिलेश ने इस दौरान सरकार पर भी निशाना साधा:


"ये वर्चस्ववादी लोग सीमाएं लांघ गए हैं। सिर मुंडवाने, रातभर पीटने, पैसे मांगने की हिम्मत कहाँ से मिलती है? सरकार हार्टलेस है और हर असंवैधानिक काम का समर्थन करती है।"

ब्राह्मण महासभा के आरोप क्या हैं?

ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण दुबे ने 25 जून को एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई। उनके दावे:

  1. जाति छिपाई: कथावाचक ने हैंडबिल और निमंत्रण पत्रों में खुद को "आचार्य पंडित मुकटमणि" (ब्राह्मण) लिखवाया, जबकि आधार कार्ड में उनकी जाति "अग्निहोत्री" (यादव) है।
  2. महिलाओं से छेड़खानी: ग्रामीण रेनू तिवारी ने आरोप लगाया कि कथावाचक ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया और जानबूझकर पूजा खंडित की।
  3. धार्मिक भावना भड़काई: ब्राह्मण समुदाय को गुमराह कर भावनाएं आहत कीं।

महासभा ने चेतावनी दी—"अगर 48 घंटे में कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन होगा।"


सपा और पुलिस की प्रतिक्रिया

  • सपा जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य: "ब्राह्मण महासभा के आरोप निराधार हैं। अगर शिकायत थी, तो घटना के तुरंत बाद क्यों नहीं की गई? पीड़ितों के खिलाफ गलत कार्रवाई हुई तो सपा भी आंदोलन करेगी।"
  • एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव: "मामले की निष्पक्ष जांच चल रही है। अब तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।"

पुलिस ने आरोपियों अतुल, मनीष, पप्पू बाबा और डीलर के खिलाफ केस दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है।


अखिलेश के पांच बड़े बयान

प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने सरकार और वर्चस्ववाद पर कड़ी टिप्पणी की:

  1. कथावाचन पर एकाधिकार: "अगर ब्राह्मणों को पिछड़ों का दान नहीं चाहिए, तो कानून बनाएँ कि सिर्फ वे ही कथा कर सकते हैं।"
  2. भावना vs व्यवसाय: "कथावाचन को कुछ लोगों ने व्यवसाय बना लिया है। असली समस्या यही है।"
  3. PDA समाज का जवाब: "जिस दिन पिछड़े समाज ने अलग से कथा शुरू की, वर्चस्ववाद खत्म हो जाएगा।"
  4. सरकारी लापरवाही: "2500 लोग पूरी सरकार चला रहे हैं। सुल्तानपुर में गोलीकांड, महोबा में दलित अपमान—ये सब अन्याय बढ़ा रहे हैं।"
  5. नजर उतारने पर तंज: "अमित शाह नजर उतरवा रहे हैं, जबकि बिजली कटने से अस्पतालों में लोग मर रहे हैं।"

आगे क्या होगा?

मामला अब जातीय तनाव का रूप ले चुका है। ब्राह्मण महासभा ने सबूतों के साथ पुलिस पर दबाव बनाया है, वहीं सपा पीड़ित कथावाचकों को न्याय दिलाने के लिए मैदान में उतरी है। पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों के बयान रिकॉर्ड किए जा रहे हैं और जल्द ही अंतिम रिपोर्ट पेश की जाएगी।

नोट: खबर में दावों और प्रतिदावों को बिना किसी पक्षपात के प्रस्तुत किया गया है। पुलिस जांच के निष्कर्ष आने तक अंतिम तथ्य अपडेट किए जाएंगे।

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