अयोध्या: एनएडीयूएटी के एनएसएस ने साइकिल यात्रा से ग्रामीणों को मोटापा-कोविड के खतरों से आगाह किया #7 *DGR*

सारांश:

आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय (एनएडीयूएटी) की एनएसएस इकाई 2 व 3 के 50 छात्रों ने कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह के निर्देशन में जोरियम व लाल पांडेय पुरवा गाँवों में साइकिल यात्रा निकाली। मोटापे से होने वाली बीमारियों (मधुमेह, हृदय रोग) व कोविड-19 के प्रति ग्रामीणों को जागरूक किया गया। डॉ. अजीत बर्मा ने साइकिल को मोटापा रोकने का प्रभावी उपाय बताया। डॉ. उलमन यशमिता नितिन ने ग्रामीणों को चेताया "आज की गतिहीन जीवनशैली शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर रही है।"



एनएसएस ने साइकिल यात्रा से ग्रामीणों को दी स्वास्थ्य की सीख

अयोध्या: आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (एनएडीयूएटी) के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) ने ग्रामीणों को स्वास्थ्य के प्रति सजग करने के लिए एक अनूठी पहल की। एनएसएस इकाई 2 और 3 के 50 छात्र-छात्राओं ने जोरियम और लाल पांडेय पुरवा गाँवों में साइकिल यात्रा आयोजित कर ग्रामीणों को मोटापे व कोविड-19 के खतरों से आगाह किया। यह कार्यक्रम कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह के दिशा-निर्देशन में चलाया गया।


क्यों की गई यह पहल?

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे मोटापे की समस्या पर लगाम लगाना था। एनएसएस स्वयंसेवकों ने ग्रामीणों को समझाया कि खराब आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी और एक जगह बैठे रहने की आदत मोटापे को न्योता देती है। विशेष रूप से बच्चों, किशोरों और वयस्कों में इसकी रोकथाम जरूरी है। साथ ही, शारीरिक फिटनेस के लिए साइकिल चलाने को एक आसान उपाय के रूप में बताया गया।


मोटापा कैसे बनता है जानलेवा?

एनएसएस अधिकारी डॉ. उलमन यशमिता नितिन ने ग्रामीणों को चेताया कि मोटापा मधुमेह, हृदय रोग और जोड़ों के दर्द जैसी बीमारियों को तेजी से बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा, "आज की गतिहीन जीवनशैली शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर रही है। साइकिल चलाने जैसी साधारण आदतें इन खतरों को कम कर सकती हैं।" इस दौरान कोविड-19 से बचाव के उपायों पर भी चर्चा की गई।

साइकिल क्यों है मोटापे की दवा?

एनएसएस यूनिट-2 के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अजीत बर्मा ने स्पष्ट किया कि मोटापे से लड़ने में साइकिल एक शक्तिशाली हथियार है। उनके अनुसार, "नियमित साइकिल चलाने से न सिर्फ वजन नियंत्रित होता है, बल्कि यह गाँवों में सस्ता और व्यावहारिक समाधान भी है।" उन्होंने ग्रामीणों से रोजाना 30-40 मिनट साइकिल चलाने की अपील की।

ग्रामीणों ने जताई सराहना

इस अभियान को गाँव वालों का भरपूर समर्थन मिला। ग्रामीणों ने विश्वविद्यालय के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम ग्रामीण स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित होंगे। एनएसएस टीम ने स्थानीय लोगों को स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम का संकल्प भी दिलाया।

इस तरह एनएडीयूएटी के छात्रों ने न सिर्फ साइकिल यात्रा के जरिए स्वास्थ्य संदेश पहुँचाया, बल्कि गाँव-गाँव में सेहत की अलख जगाने का नेक काम भी किया।

संवाददाता : धर्मचंद मिश्रा, कुमारगंज


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