अयोध्या: अब संदिग्ध की पहचान और लोकेशन बताएगा AI, 10 हजार CCTV होंगे सॉफ्टवेयर से लिंक #8 *KJW*
सारांश:
रामलला दर्शनार्थियों की बढ़ती भीड़ और सुरक्षा चुनौतियों के बीच अयोध्या पुलिस अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लेगी। IG प्रवीण कुमार ने बताया कि संदिग्ध का स्केच, या कपड़े का रंग आदि डालते ही AI सटीक लोकेशन बताएगा। 10,000 CCTV कैमरे होंगे लिंक। यदि इस तकनीक का सही उपयोग किया गया तो क्राइम की घटनाओं में बड़ी कमी आएगी।
सुरक्षा को हाईटेक बनाएगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही शहर की सुरक्षा व्यवस्था को भी लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब अयोध्या पुलिस हाईटेक तकनीक अपनाने जा रही है।
आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि शहर की निगरानी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सॉफ्टवेयर के माध्यम से की जाएगी, जिससे संदिग्धों की पहचान और उनकी गतिविधियों की निगरानी आसान और तेज़ हो सकेगी।
10,000 CCTV कैमरे जुड़ेंगे एक सॉफ्टवेयर से
IG ने जानकारी दी कि अयोध्या के प्रमुख स्थानों पर लगे करीब 10,000 CCTV कैमरों को एक सेंट्रल सॉफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा। इसका मकसद यह है कि यदि किसी संदिग्ध का स्केच या कपड़े का रंग आदि इनपुट किया जाए, तो सॉफ्टवेयर उसकी मौजूदगी वाले स्थान को तुरंत चिन्हित कर सके।
यह तकनीक संदिग्धों की पहचान, पीछा करने और उनकी गतिविधियों पर तुरंत निगरानी रखने में कारगर साबित होगी।
संदिग्ध की पहचान अब स्केच और कपड़े से
नई तकनीक की सबसे खास बात यह है कि इसमें केवल चेहरा ही नहीं, बल्कि कपड़ों के रंग और अन्य विशेषताओं के आधार पर भी संदिग्धों की पहचान हो सकेगी।
अगर किसी विशेष रंग के कपड़े पहनने वाले व्यक्ति की तलाश करनी हो, तो सॉफ्टवेयर उस रंग के कपड़े पहनने वाले सभी व्यक्तियों को चिन्हित कर देगा। इसके बाद संबंधित क्षेत्र की जांच कर पुलिस अपराधी तक पहुंच सकेगी।
आतंकी खतरे और VIP मूवमेंट से सतर्क है अयोध्या
आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि अयोध्या हमेशा से ही संवेदनशील रहा है। 5 जुलाई 2005 को रामजन्मभूमि परिसर पर आतंकी हमला भी हो चुका है। इसके अलावा लगातार वीआईपी मूवमेंट और श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के चलते सुरक्षा को लेकर सतर्कता जरूरी है।
ऐसे में तकनीक का यह सहारा आने वाले समय में कई संभावित खतरे टालने में मददगार होगा।
तकनीक के साथ मानव सूचना तंत्र भी रहेगा सक्रिय
आईजी ने यह भी स्पष्ट किया कि तकनीक के उपयोग से पारंपरिक मुखबिर तंत्र को दरकिनार नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गोताखोर, मल्लाह और स्थानीय नागरिकों से मिल रही जानकारियाँ भी सुरक्षा प्रणाली का अहम हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि हर प्रकार की सूचना चाहे वह तकनीक से मिले या जमीन से, दोनों का महत्व बराबर है और पुलिस इन्हें मिलाकर ही कार्रवाई करेगी।
DBUP इंडिया की विशेष रिपोर्ट
जैसे-जैसे राम मंदिर का स्वरूप और भव्यता बढ़ रही है, वैसे-वैसे सुरक्षा की जिम्मेदारी भी और गंभीर हो रही है। अयोध्या में पुलिस अब परंपरा और तकनीक दोनों के सहारे एक मजबूत सुरक्षा ढांचा तैयार कर रही है, ताकि श्रद्धालु निश्चिंत होकर दर्शन कर सकें।
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