अयोध्या: 7 निजी अस्पतालों पर छापा, एक सील; नर्स-डॉक्टर गायब, आशा कार्यकर्ताओं की संलिप्तता #6 *LOQQ*

सारांश: 

अयोध्या में सीएमओ डॉ. सुशील कुमार बानियान की टीम ने सोहावल व मवई के 7 निजी अस्पतालों पर रातभर छापा मारा। शारदा हॉस्पिटल बिना लाइसेंस चलने व योग्य डॉक्टर न होने पर सील, सुंदरम का ओटी बंद। ज्यादातर में नर्स-डॉक्टर गायब, गंदगी व आशा कार्यकर्ताओं की अनुचित भूमिका मिली।



स्वास्थ्य विभाग का बड़ा अभियान: अस्पतालों पर कसा शिकंजा
अयोध्या जिले में मरीजों को मिल रही घटिया स्वास्थ्य सेवाओं पर अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुशील कुमार बानियान के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने सोहावल तहसील और मवई ब्लॉक के निजी अस्पतालों पर रात 11 बजे तक सीरीज में छापेमारी की। इस दौरान सात अस्पतालों की जांच हुई, एक को पूरी तरह सील किया गया और कई के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) बंद कर दिए गए।

सोहावल के अस्पतालों में क्या मिला?
टीम ने सबसे पहले सोहावल तहसील के साहू मेडिकल अस्पताल, सोहावल हॉस्पिटल, लाइफ केयर सेंटर, न्यू लाइफ केयर सेंटर और सब्जी मंडी जुबेर गंज स्थित अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। नतीजे चौंकाने वाले थे:

  • नर्स और डॉक्टर ही नहीं थे मौजूद: ज्यादातर अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ और प्रसूति विशेषज्ञ जैसे योग्य डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए। यह मरीजों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना गया।
  • गंदगी का अंबार: अस्पतालों के अंदर सफाई के गंभीर हालात थे। मेडिकल कचरे का प्रबंधन ठीक नहीं था, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ था।
  • आशा कार्यकर्ताओं की अनुचित भूमिका: साहू मेडिकल अस्पताल में एक आशा कार्यकर्ता की संलिप्तता का मामला सामने आया। इसकी गहराई से जांच के लिए अस्पताल का डीबीआर (डिलीवरी बिजनेस रिकॉर्ड) विभाग ने जब्त कर लिया।

मवई में शारदा हॉस्पिटल सील, सुंदरम का ओटी बंद
सोहावल के बाद टीम मवई ब्लॉक पहुंची। यहां शारदा हॉस्पिटल की जांच में बड़े गंभीर खुलासे हुए:

  • अस्पताल बिना किसी वैध लाइसेंस के चल रहा था।
  • योग्य डॉक्टरों की कमी थी।
  • स्वच्छता के बुनियादी मानकों का भी उल्लंघन हो रहा था।
    इन गंभीर अनियमितताओं के चलते शारदा हॉस्पिटल को तुरंत प्रभाव से पूरी तरह सील कर दिया गया।

मवई ब्लॉक के ही सुंदरम हॉस्पिटल में भी एक चिंताजनक मामला सामने आया। यहां एक सीजेरियन डिलीवरी के बाद भर्ती महिला मरीज के केस में आशा कार्यकर्ता की अनुचित संलिप्तता पाई गई। जांच में अस्पताल प्रबंधन द्वारा मानक प्रोटोकॉल का पालन न करने की बात सामने आई। इसके परिणामस्वरूप सुंदरम हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर को सील करने का आदेश दिया गया।

कौन थे छापे में शामिल अधिकारी?
इस बड़े अभियान में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम शामिल थी, जिसमें नोडल अधिकारी डॉ. संदीप शुक्ला, डिप्टी सीएमओ डॉ. बीपी त्रिपाठी, डॉ. राजेश चौधरी, डॉ. आर एम शुक्ला और विभाग के अन्य कर्मचारी शामिल थे। यह छापा अमानीगंज और कुमारगंज क्षेत्रों में भी चला। विभाग ने साफ किया है कि मरीजों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिले, इसके लिए ऐसे अभियान नियमित जारी रहेंगे।

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