अयोध्या: प्रसाद के नाम पर 3.85 करोड़ की ठगी, साइबर टीम ने किया बड़ा खुलासा #5 *HJW*

सारांश: 

अयोध्या पुलिस ने रामलला के नाम पर प्रसाद भेजने के बहाने 6.3 लाख श्रद्धालुओं से 3.85 करोड़ रुपये ठगी का खुलासा किया। साइबर टीम ने बैंक खाते फ्रीज कर 2.15 करोड़ पीड़ितों को लौटाए। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने इसे 'सबसे बड़ी साइबर रिकवरी' बताया और धार्मिक ऑनलाइन स्कीमों में सावधानी की अपील की।



चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम

अयोध्या में एक ऑनलाइन एजेंसी ने राम मंदिर से प्रसाद भेजने का झूठा वादा कर देशभर के 6 लाख 30 हजार से ज्यादा भक्तों को ठगा। श्रद्धालुओं ने पुण्य कमाने की चाहत में ऑनलाइन भुगतान किया, लेकिन न तो उन्हें प्रसाद मिला और न ही सेवा का कोई सबूत। कुल 3.85 करोड़ रुपये की यह धोखाधड़ी सामने आने के बाद साइबर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।

क्या था ठगों का तरीका?

गैंग ने सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के जरिए लोगों को लुभाया। भक्तों से कहा गया कि वे "रामलला का प्रसाद" घर बैठे पाने के लिए छोटी रकम ऑनलाइन जमा करें। धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाकर ठगों ने महीनों तक यह स्कैम चलाया। जब किसी को प्रसाद नहीं मिला, तो शिकायतों का सिलसिला शुरू हुआ।

साइबर टीम ने कैसे पकड़ी जड़?

अयोध्या साइबर थाने की टीम ने पीड़ितों के बैंक स्टेटमेंट और ट्रांजैक्शन हिस्ट्री ट्रेस की। ठगों के कई बैंक खातों की पहचान कर उन्हें फ्रीज करवा दिया। पुलिस ने अब तक 2.15 करोड़ रुपये वापस पीड़ितों के खातों में ट्रांसफर किए हैं। बाकी 1.70 करोड़ की रिकवरी की प्रक्रिया चल रही है। यह अयोध्या पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी साइबर रिकवरी है।

एसएसपी ने क्या कहा?

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने दैनिक भास्कर को बताया, "ठगों ने लोगों की आस्था का गलत फायदा उठाया। हमारी साइबर टीम की त्वरित कार्रवाई से बड़ी रकम बचाई जा सकी। यह केस साइबर जागरूकता की जरूरत बताता है।" उन्होंने आगे कहा कि जांच में और आरोपियों पर कार्रवाई की जा रही है।

आम जनता के लिए सलाह

एसएसपी ग्रोवर ने स्पष्ट चेतावनी दी है:

  • किसी भी ऑनलाइन धार्मिक सेवा या "प्रसाद स्कीम" पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
  • ऐसी वेबसाइट्स/ऐप्स की पूरी जांच-पड़ताल करें।
  • शक होने पर साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत रिपोर्ट करें।

पुलिस ने याद दिलाया कि राम मंदिर प्रशासन की ओर से किसी भी प्रसाद योजना की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। भक्तों को सिर्फ ट्रस्ट की अधिकृत वेबसाइट और ऑफिसियल चैनल्स पर ही भरोसा करना चाहिए।


📌 अंतिम अपडेट: अयोध्या साइबर पुलिस शेष धनराशि की वापसी और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई जारी रखे हुए है।

टिप्पणियाँ