3000 रुपये में सालभर का फास्टैग पास: 200 बार टोल मुफ्त, शर्त : सिर्फ नेशनल हाईवे पर मान्य #9 *LW*

सारांश:

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि 15 अगस्त से निजी गाड़ियों (कार/जीप/वैन) के लिए ₹3000 का वार्षिक फास्टैग पास शुरू होगा (सिर्फ निजी वाहन) । यह पास एक साल या 200 ट्रिप्स तक वैध रहेगा और देशभर के नेशनल हाईवे टोल पर लागू होगा (सिर्फ नेशनल, राज्य/ लोकल नहीं) जिससे टोल भीड़ घटेगी और बार-बार यात्रा करने वालों को राहत मिलेगी।



क्या है नया फास्टैग वार्षिक पास?

सरकार ने निजी गैर-वाणिज्यिक वाहनों (कार, जीप, वैन) के लिए एक खास फास्टैग सालाना पास लॉन्च किया है। इसकी कीमत सिर्फ ₹3000 है और यह 15 अगस्त से उपलब्ध होगा। इस पास के साथ, आप पूरे साल या 200 ट्रिप्स तक किसी भी नेशनल हाईवे टोल प्लाजा पर बिना अतिरिक्त भुगतान के निकल सकते हैं।

क्यों है ये पास जरूरी?

पहले फास्टैग से हर बार टोल पार करने पर पैसे कटते थे। लेकिन नए पास से बार-बार हाईवे यूज करने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। खासकर उन लोगों के लिए जिनके घर के 60 किलोमीटर के दायरे में टोल प्लाजा है। ऐसे लोग रोजाना या हफ्ते में कई बार टोल चुकाते थे, अब उन्हें हर बार भुगतान नहीं करना पड़ेगा।

पास कैसे और कहाँ से लें?

इसे लेना बेहद आसान होगा:

  • NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) और सड़क परिवहन मंत्रालय जल्द ही अपनी ऑफिशियल वेबसाइट्स और "हाईवे ट्रैवल" एप पर एक विशेष लिंक लॉन्च करेंगे।
  • वहाँ से आप ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

किन जगहों पर काम करेगा ये पास?

  • यह पास देश के सभी नेशनल हाईवे टोल प्लाजा पर वैध होगा। चाहे आप दिल्ली-मुंबई रूट पर हों या चेन्नई-बेंगलुरु हाईवे पर।
  • ध्यान रहे: यह स्टेट हाईवे या लोकल टोल पर लागू नहीं होगा।

सरकार का मकसद क्या है?

सरकार और NHAI के मुताबिक, इस पास से:

  1. टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतारें कम होंगी।
  2. डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा।
  3. टोल स्टाफ और ड्राइवर्स के बीच झगड़े खत्म होंगे।
  4. 60 किमी दायरे वाले यात्रियों की समस्या हल होगी।
  5. हाईवे यात्रा तेज, आसान और तनावमुक्त बनेगी।

फास्टैग आखिर है क्या?

फास्टैग एक RFID टैक्नोलॉजी वाला इलेक्ट्रॉनिक स्टिकर है, जो गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगता है। यह आपके बैंक अकाउंट या फास्टैग वॉलेट से जुड़ा होता है। टोल प्लाजा पर बिना रुके पैसा कटता है, जिससे समय और ईंधन दोनों की बचत होती है।


स्रोत: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आधिकारिक एक्स अकाउंट और एनएचएआई ब्रीफ।

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