यूपी: अग्निवीरों को नौकरी में 20% आरक्षण, पर्यटकों के लिए होम स्टे नीति को मंजूरी #5 *KJH*
सारांश:
मंगलवार को सीएम योगी की कैबिनेट बैठक में 10 प्रस्ताव पास। अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में 20% आरक्षण व 3 साल की आयु छूट, शर्त- यूपी का मूल निवासी। पर्यटकों के लिए ग्रामीण/शहरी होम स्टे नीति मंजूर। सभी जिलों में अन्नपूर्णा भवन निर्माण व औद्योगिक सब्सिडी को भी हरी झंडी।
कैबिनेट की बैठक में क्या-क्या फैसले हुए?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में 10 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। इनमें अग्निवीरों को नौकरी में आरक्षण, पर्यटकों के लिए होम स्टे नीति, सभी जिलों में अन्नपूर्णा भवन निर्माण और औद्योगिक कंपनियों को सब्सिडी जैसे अहम फैसले शामिल हैं। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और औद्योगिक मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने इनकी जानकारी दी।
अग्निवीरों को मिला बड़ा तोहफा
कैबिनेट ने भारतीय सेना के पूर्व अग्निवीरों को यूपी में सीधी भर्ती में 20% आरक्षण देने का फैसला किया। यह आरक्षण इन पदों पर लागू होगा:
- पुलिस सिपाही
- घुड़सवार
- फायरमैन
- पीएसी सिपाही
साथ ही आयु सीमा में 3 साल की छूट दी जाएगी। शर्त यह है कि अग्निवीर यूपी का मूल निवासी होना चाहिए। वित्त मंत्री ने बताया कि यूपी देश में अग्निवीरों को सबसे ज्यादा आरक्षण देने वाला राज्य बन गया है। अग्निवीरों का पहला बैच 2026 में सेवामुक्त होगा।
पर्यटकों के लिए कैसे काम करेगी होम स्टे नीति?
अयोध्या, मथुरा-वृंदावन और वाराणसी जैसे तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं को सस्ता आवास मुहैया कराने के लिए 'उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होम स्टे नीति 2025' को मंजूरी मिली। जानिए मुख्य बिंदु:
- कौन दे सकता है कमरा? ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों के लोग 1 से 6 कमरे किराए पर दे सकेंगे।
- लाइसेंस शुल्क: ग्रामीण क्षेत्रों में 500-750 रुपए, शहरी क्षेत्रों में 2000 रुपए।
- कमेटी बनेगी: जिलाधिकारी की अध्यक्षता में लाइसेंस जारी करने के लिए कमेटी गठित होगी।
- रहने की अवधि: पर्यटक एक बार में 7 दिन तक रह सकेंगे। अधिक दिनों के लिए सूचना देनी होगी।
इससे तीर्थयात्रियों को सस्ते और भरोसेमंद ठहरने की सुविधा मिलेगी।
सभी जिलों में बनेंगे अन्नपूर्णा भवन
राशन की दुकानों की समस्या दूर करने के लिए अब हर जिले में अन्नपूर्णा भवन बनाए जाएंगे। मुख्य विशेषताएं:
- आकार: 484 वर्ग फीट (वाहनों की पहुंच वाली जगह पर)
- बजट: 266 करोड़ रुपए का प्रावधान
- लक्ष्य: हर जिले में सालाना 75 भवन
- अतिरिक्त सुविधा: राशन विक्रेता दुकान में खाद्य सामग्री भी बेच सकेंगे।
अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में 3524 भवन तैयार हो चुके हैं और 2000 निर्माणाधीन हैं।
औद्योगिक कंपनियों को मिली सब्सिडी
औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता 'नंदी' ने बताया कि निवेश करने वाली इन कंपनियों को सब्सिडी मंजूर की गई:
- एसएलएमजी बेवरेजेस (बाराबंकी): 38.73 करोड़
- सिल्वरटन पल्प एंड पेपर्स (मुजफ्फरनगर): 1.88 करोड़
- एसीसी (अमेठी): 17.28 करोड़
- वंडर सीमेंट (अलीगढ़): 38.32 करोड़
- मून बेवेरजेस (हापुड़): 8.68 करोड़
यह सब्सिडी औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के तहत दी जाएगी।
निजी विश्वविद्यालयों को मिली हरी झंडी
कैबिनेट ने दो निजी विश्वविद्यालयों के प्रस्ताव भी पास किए:
- अयोध्या: महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय
- गाजियाबाद: अजय कुमार गर्ग विश्वविद्यालय
इनके अलावा, नोएडा में हल्दीराम का स्नैक्स फूड प्लांट लगाने का प्रस्ताव भी मंजूर हुआ, जिससे सैकड़ों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
इन फैसलों से यूपी में रोजगार, पर्यटन और औद्योगिक विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है।
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