अयोध्या: सरकारी अस्पतालों में अब मरीजों के भोजन की होगी जांच, सीएमएस करेंगे दिन में दो बार निरीक्षण #6 *OPW*
सारांश:
क्यों शुरू हुई यह पहल?
अयोध्या के सरकारी अस्पतालों में मरीजों और तीमारदारों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी अस्पतालों के चीफ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट (सीएमएस) को इन नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं।
क्या हैं मुख्य नियम?
- रोजाना दो बार निरीक्षण: हर सीएमएस और अस्पताल प्रभारी को दिन में दो बार अस्पताल का निरीक्षण करना अनिवार्य होगा।
- भोजन की रैंडम जांच: निरीक्षण के दौरान मरीजों के भोजन की आकस्मिक जांच की जाएगी।
- एफडीए की जिम्मेदारी: खाद्य सुरक्षा विभाग (एफडीए) समय-समय पर भोजन के नमूने लेकर उनकी गुणवत्ता की जांच करेगा।
- फीडबैक सिस्टम: मरीजों और उनके तीमारदारों से रोजाना अस्पताल की सुविधाओं पर फीडबैक लिया जाएगा।
आपातकालीन सुरक्षा पर भी ध्यान
नए निर्देशों में विद्युत और अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की नियमित समीक्षा को भी शामिल किया गया है। इसका मकसद आग या बिजली दुर्घटना जैसी किसी भी आपात स्थिति को रोकना है।
अस्पताल प्रबंधन क्या कहता है?
सीएमएस ने बताया:
"हमें भोजन की गुणवत्ता जांचने के स्पष्ट निर्देश मिले हैं। एफडीए जल्द ही जांच शुरू करेगा। हम इन नियमों का पूरी कड़ाई से पालन करेंगे ताकि मरीजों को स्वच्छ और पौष्टिक भोजन मिले।"
क्यों महत्वपूर्ण है यह कदम?
यह पहल सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने और मरीजों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। भोजन की गुणवत्ता पर नजर रखकर संक्रमण और खाद्य जनित बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकेगा।
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