प्रयागराज: कचहरी क्षेत्र में बुलडोजर कार्रवाई, वकीलों के 1000 चैंबर-1500 दुकानें तोड़ीं; आगजनी, तोड़फोड़ #7 *NHW*

सारांश:

बुधवार सुबह (11 जून 2025), प्रयागराज नगर निगम ने कचहरी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के लिए 6 बुलडोजर से 1000 वकील चैंबर और 1500 दुकानें तोड़ीं। विरोध में वकीलों ने सड़क पर आगजनी की और नगर आयुक्त शीलम साईं तेजा व जिलाधिकारी के खिलाफ लूट की FIR व ट्रांसफर की मांग की।



चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम

बुधवार सुबह 5 बजे, प्रयागराज नगर निगम की टीम ने पुलिस, RAF और PAC के साथ कचहरी रोड पर अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया। 6 बुलडोजरों से कचहरी के बाहर बने लगभग 1000 अस्थायी वकील चैंबर और आसपास की 1500 दुकानों को तोड़ा गया। सुबह 9:30 तक चली इस कार्रवाई के दौरान पूरा इलाका बंद रखा गया।

वकीलों का गुस्सा सड़क पर फूटा

जब वकीलों को कार्रवाई की खबर लगी, तो वे विरोध करने सड़क पर उतर आए। टूटी कुर्सियों, बोर्डों और अन्य सामानों में उन्होंने आग लगा दी। कचहरी के सभी वकीलों ने हड़ताल की घोषणा कर दी और दोपहर में जिला अधिवक्ता संघ की इमरजेंसी बैठक बुलाई। वकीलों ने भास्कर से बातचीत में आरोप लगाया, "नगर आयुक्त ने हमें वैकल्पिक चैंबर का वादा किया था, लेकिन चोरी छिपे हमारा सामान तोड़ा। हमारे लाखों के स्टाम्प, लैपटॉप और कैश लूट लिए गए।"

तोड़फोड़ और जवाबी कार्रवाई

नाराज वकीलों ने नगर निगम के कटरा जोन-3 कार्यालय में तोड़फोड़ की और गेट तोड़ दिया। इस पर नगर निगम कर्मचारी एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि अगर कर्मचारियों के साथ मारपीट हुई तो सभी काम बंद कर देंगे। वकीलों ने मुख्यमंत्री से मांग की कि नगर आयुक्त और जिलाधिकारी के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज कर उनका तबादला किया जाए।

प्रशासन की चुप्पी और सुरक्षा बढ़ाई

नगर आयुक्त शीलम साईं तेजा से बात करने पहुंची टीम को दोपहर 12 बजे उनका कार्यालय बंद मिला। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि अवैध कब्जा हटाने का अभियान जारी रहेगा। वहीं, वकीलों के हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए निगम परिसर में RAF की 3 कंपनियां तैनात कर दी गईं और फायर ब्रिगेड को अलर्ट किया गया।

आगे की रणनीति पर फैसला होगा

जिला अधिवक्ता संघ की बैठक में इस घटना पर प्रतिक्रिया और आगे की कार्यवाही तय की जाएगी। वकीलों ने साफ किया है कि जब तक उनके चैंबर दोबारा नहीं बनवाए जाते और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक विरोध जारी रहेगा। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई सार्वजनिक सुविधा और राहगीरों की सुरक्षा के लिए जरूरी थी।

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