अयोध्या : चौकी इंचार्ज पर शेड को गिराने और "उठा लेंगे" धमकी का आरोप, एसडीएम को शिकायत #4 * GHW*
सारांश: अयोध्या के खण्डासा थाना क्षेत्र के गांव जिगनाही में चौकी इंचार्ज गोविंद अग्रवाल पर विश्राम मौर्य की निजी ज़मीन पर बने टीन शेड को गिराने और "कल जेसीबी लाकर पूरी ज़मीन समतल कर देंगे। मैं किसी अधिकारी से नहीं डरता। शिकायत करोगे तो पूरे परिवार को उठा लेंगे" धमकी देने का आरोप। मौर्य ने एसडीएम, एसएसपी और डीजीपी को शिकायत की। चौकी इंचार्ज पहले भी विवादों में रहे हैं। ग्रामीणों में गुस्सा, पुलिस की कार्यशैली पर सवाल।
चौकी इंचार्ज की मनमानी, टीन शेड गिराया
अयोध्या के खण्डासा थाना क्षेत्र के गांव जिगनाही में चौकी इंचार्ज गोविंद अग्रवाल पर गंभीर आरोप लगे हैं। स्थानीय निवासी विश्राम मौर्य ने बताया कि 17 मई की शाम 5-6 बजे के बीच अग्रवाल ने तीन कांस्टेबल और एक महिला विद्यावती के साथ मिलकर उनकी निजी ज़मीन पर बने टीन शेड को अवैध रूप से गिरा दिया। यह शेड मौर्य के पशुओं के लिए बनाया गया था। ( - शिकायतकर्ता )
"जेसीबी से ज़मीन समतल कर देंगे" – पीड़ित का आरोप
विश्राम मौर्य के मुताबिक, चौकी इंचार्ज ने न सिर्फ़ उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, बल्कि उन्हें गालियां देकर धमकी भी दी। अग्रवाल ने कहा, "कल जेसीबी लाकर पूरी ज़मीन समतल कर देंगे। मैं किसी अधिकारी से नहीं डरता। शिकायत करोगे तो पूरे परिवार को उठा लेंगे।" इस धमकी के बाद मौर्य और उनके परिवार में डर का माहौल है।
एसडीएम से लेकर डीजीपी तक शिकायत
विश्राम मौर्य ने अपनी सुरक्षा की मांग करते हुए मिल्कीपुर के एसडीएम को शिकायत दी। साथ ही, अयोध्या के जिलाधिकारी, एसएसपी और यूपी के पुलिस महानिदेशक (DGP) को जनसुनवाई पोर्टल के ज़रिए भी मामला दर्ज कराया। उन्होंने चौकी इंचार्ज को तत्काल हटाने की मांग की है।
चौकी इंचार्ज पहले भी रहे विवादों में
गोविंद अग्रवाल का नाम पहले भी विवादों में आ चुका है। पिछले दिनों उनके गाली-गलौज का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद अयोध्या एसएसपी ने उन्हें निलंबित किया था। इस नए मामले ने उन पर और सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्रामीणों में गुस्सा, प्रशासन पर दबाव
इस घटना के बाद गांव में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह रवैया गैरकानूनी है और आम लोगों के प्रति पुलिस की जवाबदेही पर सवाल उठाता है। विश्राम मौर्य की शिकायत के बाद प्रशासन पर निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है।
नोट: यह खबर शिकायतकर्ता और स्थानीय मीडिया सूत्रों के बयानों पर आधारित है। प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।
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