अयोध्या : मिल्कीपुर सीएचसी में लापरवाही से नवजात की मौत, नर्स सुमनलता का तबादला #6 *UIQ*

सारांश:

अयोध्या के मिल्कीपुर सीएचसी में 25 अप्रैल को घूरेहटा पूरे शेखपुरा निवासी रिंकू की पत्नी किस्मत का प्रसव नर्स सुमनलता ने कराया। आरोप है कि लापरवाही से नवजात की मौत हुई, बच्चेदानी में कपड़ा भर टांका लगा दिया गया। सीएमओ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए नर्स का तबादला कर दिया।


(फोटो सिर्फ उदाहरण के रूप में है)


मिल्कीपुर सीएचसी में सामने आया गंभीर लापरवाही का मामला
अयोध्या जिले के मिल्कीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां प्रसव के दौरान स्टाफ नर्स की कथित लापरवाही से एक नवजात शिशु की मौत हो गई। यह घटना 25 अप्रैल 2025 की है। पीड़ित परिवार ने इस लापरवाही के लिए सीएचसी में तैनात स्टाफ नर्स सुमनलता को जिम्मेदार ठहराया है।


चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम
घूरेहटा पूरे शेखपुरा गांव के निवासी रिंकू अपनी गर्भवती पत्नी किस्मत को प्रसव के लिए 25 अप्रैल को मिल्कीपुर सीएचसी लाए थे। रिंकू ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को सौंपी गई शिकायत में आरोप लगाया कि नर्स सुमनलता ने प्रसव के दौरान बच्चेदानी में कपड़ा भरकर टांका लगा दिया। इसके चलते किस्मत को असहनीय दर्द होने लगा और उसकी स्थिति बिगड़ती गई।


स्थिति बिगड़ने पर रेफर किया, फिर निजी अस्पताल में खुला मामला
शिकायत के अनुसार, जब स्थिति गंभीर हो गई तो नर्स ने किस्मत को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। परिजनों ने हालत नाजुक देख उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने बच्चेदानी से कपड़ा निकाला। इसी दौरान यह भी सामने आया कि नवजात के मुंह में कथित रूप से गंदा पानी चला गया, जिससे उसकी मौत हो गई।


परिजनों का आरोप - 5 हजार रुपये भी लिए गए थे
रिंकू ने आरोप लगाया कि सुमनलता ने न केवल लापरवाही बरती, बल्कि प्रसव के लिए 5,000 रुपये भी वसूले। इस पूरे घटनाक्रम के चलते परिवार को भावनात्मक और आर्थिक रूप से गहरा आघात पहुंचा है।


सीएमओ की त्वरित कार्रवाई - नर्स का तबादला
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील कुमार बालियान ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि नर्स सुमनलता के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई थी। जांच के बाद उन्हें मिल्कीपुर सीएचसी से स्थानांतरित कर 50 शैय्या वाले देवगांव चिकित्सालय भेज दिया गया है।


परिवार की मांग - हो कड़ी कार्रवाई और न्याय
पीड़ित परिवार ने नर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस नुकसान की भरपाई संभव नहीं, लेकिन न्याय मिलना जरूरी है। उधर, स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच का भरोसा दिलाया है।


फिलहाल जांच जारी, लेकिन सवाल बाकी
हालांकि विभागीय कार्रवाई शुरू हो चुकी है और नर्स का तबादला हो गया है, लेकिन सवाल यह है कि ऐसी घटनाएं सरकारी अस्पतालों में बार-बार क्यों हो रही हैं। परिवार अब न्याय की आस में है, जबकि विभाग का कहना है कि जांच के बाद आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।


DBUP इंडिया, Ayodhya Bureau 

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