BREAKING: मणिपुर : भाजपा विधायकों ने सरकार बनाने का दावा पेश किया, राज्यपाल के पास 22 समर्थन के प्रमाण #7 *OWE*

सारांश: इम्फाल में भाजपा के 8, एनपीपी के 1 और निर्दलीय विधायक सहित 10 विधायकों ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर 22 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया। मणिपुर में अभी राष्ट्रपति शासन लागू है, जहां पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को जातीय हिंसा के दबाव में इस्तीफा दिया था।  

चलिए समझते हैं पूरा घटनाक्रम  
बुधवार को मणिपुर की राजनीति में नया मोड़ आया। भाजपा, एनपीपी और निर्दलीय विधायकों का 10 सदस्यीय दल राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से इम्फाल के राजभवन में मिला। इन्होंने राज्य में सरकार बनाने का दावा करते हुए 22 विधायकों के हस्ताक्षरयुक्त समर्थन पत्र पेश किए। गौरतलब है कि 60 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 31 सीटें जरूरी हैं।  

क्यों लागू है राष्ट्रपति शासन?  
मणिपुर में फिलहाल केंद्र का प्रशासन चल रहा है। 13 फरवरी को लागू हुए राष्ट्रपति शासन से पहले, पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दिया था। उन पर मई 2023 से जारी मैतेई-कुकी समूहों की जातीय हिंसा को नियंत्रित न कर पाने का आरोप लगा, जिसमें 300 लोगों की मौत हुई और हजारों विस्थापित हुए। विपक्षी दल लगातार एनडीए सरकार से इस मुद्दे पर जवाब मांग रहे थे।  

हिंसा की वजह से झटके में आई सरकार  
राज्य विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2027 तक था, लेकिन हिंसा और सियासी अस्थिरता के चलते इसे निलंबित कर दिया गया। सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्यपाल ने केंद्र को रिपोर्ट भेजी, जिसके आधार पर राष्ट्रपति शासन लगाया गया। हिंसा की जड़ में भूमि अधिकार और संसाधनों को लेकर समुदायों के बीच तनाव बताया जा रहा है।  

अब क्या होगा आगे?  
राज्यपाल अब दावे की जांच करेंगे। अगर 22 विधायकों का समर्थन प्रमाणिक पाया गया, तो नई सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। वरना, राज्य में राष्ट्रपति शासन जारी रहेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि स्थिति संवैधानिक प्रावधानों और दावेदारों की वास्तविक संख्या पर निर्भर करेगी।  

तथ्यों पर पकड़:  
- मणिपुर विधानसभा सीटें: 60 | बहुमत: 31  
- दावेदार दल: भाजपा (8), एनपीपी (1), निर्दलीय (1)  
- राष्ट्रपति शासन लागू: 13 फरवरी 2024  
- हिंसा से प्रभावित: 300 मौतें, 21 महीने से संकट जारी  

(स्रोत: राजभवन सूत्रों और केंद्रीय गृह मंत्रालय के आधिकारिक दस्तावेजों पर आधारित)

टिप्पणियाँ