उत्तर प्रदेश: पंचायत चुनाव 2026 के लिए 500 नए प्रधान और 75 नए ब्लॉक की तैयारी #24 *OYT*
सारांश:
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2026 के लिए 500 नई ग्राम पंचायतें और 75 नए ब्लॉक बनाए जाएंगे; 5 जून तक DM व DPRO से रिपोर्ट मांगी गई है; इन चुनावों के साथ अतिरिक्त प्रधान व ब्लॉक प्रमुख चुने जाएंगे। अधिकारी के अनुसार, हर ग्राम पंचायत में कम से कम एक हजार की आबादी होना चाहिए। प्रदेश में कई ऐसी पंचायतें हैं जिनकी आबादी तीन-चार हजार से भी अधिक है। आबादी बहुत ज्यादा हो, तो उसे विभाजित कर नई पंचायत बनाई जाएगी।
तैयारियों की शुरुआत
पंचायतीराज विभाग और ग्राम्य विकास विभाग ने उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव 2026 की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। दोनों विभागों ने सभी जिलाधिकारियों (DM) और जिला पंचायतराज अधिकारियों (DPRO) से 5 जून तक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है। रिपोर्ट में नई ग्राम पंचायतों और ब्लॉक के पुनर्गठन संबंधी सुझाव शामिल होंगे।
वर्तमान स्थिति और आंकड़े
पंचायतीराज चुनाव 2021 के दौरान प्रदेश में कुल 58,189 ग्राम पंचायतें और 826 ब्लॉक (विकासखंड) थे।
- नगरीय निकाय चुनाव में सरकार ने लगभग 107 नई नगर पंचायतें बनाई।
- इन नई नगर पंचायतों के गठन के चलते 494 ग्राम पंचायतों को शहरी सीमा में शामिल किया गया।
- नतीजा यह हुआ कि अब कुल बची हुई ग्राम पंचायतों की संख्या 57,695 रह गई है।
इन 57,695 ग्राम पंचायतों में से करीब 500 ऐसी हैं जिनकी आबादी इतनी अधिक या क्षेत्र इतना विस्तृत है कि इन्हें विभाजित करने की आवश्यकता है। इसलिए इन्हें अलग-अलग करके 500 नई ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया जाएगा। इसके बाद पंचायत चुनाव 2026 में इन नई पंचायतों के प्रधान के लिए भी चुनाव होंगे, यानी इस बार कुल प्रधानों की संख्या में 500 की वृद्धि होगी।
कैसे होंगे नए ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन
पंचायतीराज विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, हर ग्राम पंचायत में कम से कम एक हजार की आबादी होना चाहिए। प्रदेश में कई ऐसी पंचायतें हैं जिनकी आबादी तीन-चार हजार से भी अधिक है। जब किसी पंचायत की आबादी बहुत ज्यादा हो और उस क्षेत्र में कई गांव आते हों, तो उसे विभाजित कर नई पंचायत बनाई जाएगी। इस प्रक्रिया में:
- जिन पंचायतों की आबादी और क्षेत्रफल अधिक है, उन्हें अलग-अलग हिस्सों में बांटा जाएगा।
- इससे पुनर्गठित 500 नई ग्राम पंचायतें बनेगी।
- इन सभी स्थानों पर अगले चुनाव में प्रधान व वार्ड सदस्य के चुनाव कराए जाएंगे।
75 नए ब्लॉक का गठन
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 2022 में घोषणा की थी कि प्रदेश में 75 नए ब्लॉक बनाए जाएंगे। उनका कारण यह था कि कुछ ब्लॉक बहुत बड़े हो गए हैं, जिसकी वजह से विकास कार्य व जनता से जुड़ी अन्य योजनाओं को क्रियान्वित करने में दिक्कत होती है। नए ब्लॉक बनाते समय:
- बड़े ब्लॉक में शामिल कुछ ग्राम पंचायतों को अलग करके नए ब्लॉक बनाए जाएंगे।
- इससे ब्लॉक की संख्या मौजूदा 826 से बढ़कर 901 हो जाएगी।
- 75 नए ब्लॉक प्रमुख बनने का अवसर प्राप्त करेंगे।
ग्राम्य विकास विभाग ने बीते दिनों जिलाधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट भी मांगी थी।
राजनीतिक हित और परिसीमन
पंचायतीराज विभाग के अधिकारी बताते हैं कि ग्राम पंचायत और विकासखंड पुनर्गठन पिछली सरकारों में भी राजनीतिक हितों के आधार पर होता रहा है। नए विकासखंड बनने पर सत्तारूढ़ पार्टी के वोट बैंक वाली पंचायतों को शामिल किया जाता है, ताकि उनमें ब्लॉक प्रमुख चुनाव आसानी से जीत सकें।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पंचायत चुनाव 2026 को विधानसभा चुनाव 2027 का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसीलिए भाजपा और राज्य सरकार ग्राम पंचायतों व ब्लॉक का पुनर्गठन इस तरह करवाएंगे कि सत्ता पक्ष को अधिकतम लाभ हो।
विधायक सक्रिय, पुनर्गठन की मांग
ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन में हर पार्टी के विधायक सक्रिय हो गए हैं—भाजपा, सपा, अपना दल, रालोद, सुभासपा, निषाद पार्टी और कांग्रेस के विधायक अपने हिसाब से पुनर्गठन चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक, पूरी कोशिश की जा रही है कि सपा के वोट बैंक को किसी एक ब्लॉक में ज्यादा प्रभावी न होने दिया जाए। पुनर्गठन इस तरह किया जाएगा कि विपक्ष का वोट बैंक बिखर जाए और सत्ता पक्ष को बढ़त मिले।
पूर्व राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त एसके अग्रवाल ने कहा कि पंचायत पुनर्गठन के पीछे राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों कारण होते हैं। परिसीमन और पुनर्गठन सरकार के स्तर से ही होता है, इसमें स्थानीय नहीं बल्कि राज्य स्तर की नीतियाँ असर डालती हैं।
आगामी चुनाव प्रक्रिया का रोडमैप
राज्य निर्वाचन आयोग ने सूचित किया है कि 2026 की पहली तिमाही में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।
- पहला चरण: ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव।
- दूसरा चरण: ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव।
इन दोनों चरणों में नए बने 500 ग्राम पंचायतों और 75 ब्लॉक प्रमुख पदों के लिए भी चुनाव आयोजित किए जाएंगे।
वित्तीय असर पर सरकार का दावा
पंचायत राज विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नई ग्राम पंचायतों और ब्लॉक के गठन से सरकार पर कोई विशेष अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं आएगा। दरअसल, 2022 में 495 ग्राम पंचायतों को समाप्त कर दिया गया था, जिनके पद पहले से ही स्वीकृत थे। ऐसे में यदि 500 नई ग्राम पंचायतें बनती हैं, तो कुल स्वीकृत पदों की संख्या में अधिक परिवर्तन नहीं होगा।
Note : आंकड़े और जानकारियाँ आधिकारिक सूत्रों पर आधारित हैं। अगर आपको इस खबर से संबंधित और विवरण उपलब्ध कराना हो, तो नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।
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