हेट स्पीच केस में विधायक अब्बास अंसारी को 2 साल कैद, विधायकी गई #14 *DHG*
सारांश:
मऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने शनिवार को सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी (माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे) को 3 मार्च, 2022 की हेट स्पीच के मामले में 2 साल कैद की सजा सुनाई। उनके चुनाव एजेंट मंसूर को 6 महीने की सजा मिली। सजा के बाद अब्बास की विधायकी समाप्त हो गई। कोर्ट के आदेश की प्रति मिलते ही सीट रिक्त घोषित कर दी जाएगी। इसके बाद उपचुनाव।
सजा का ऐलान और कोर्ट में हंगामा
मऊ की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट ने शनिवार सुबह साढ़े 11 बजे अब्बास अंसारी को 2022 के हेट स्पीच मामले में दोषी ठहराया। दोपहर में सुनाए गए फैसले में अब्बास को 2 साल जेल और 2,000 रुपये जुर्माने की सजा मिली। उनके चुनाव एजेंट मंसूर को 6 महीने की सजा हुई। फैसले के बाद कोर्ट परिसर को सुरक्षा के लिए छावनी बना दिया गया। पुलिस और एसओजी की टीमें तैनात थीं। एक समर्थक के जबरन घुसने की कोशिश पर उसे हिरासत में लिया गया।
क्या था हेट स्पीच का मामला?
3 मार्च, 2022 को मऊ के पहाड़पुर मैदान में चुनावी रैली के दौरान अब्बास ने धमकी भरा बयान दिया था:
"सरकार बनने के बाद छह महीने तक किसी का तबादला नहीं होगा। पहले अफसरों का हिसाब-किताब होगा, फिर ट्रांसफर किया जाएगा।"
इस पर चुनाव आयोग ने उन पर 24 घंटे का प्रचार प्रतिबंध लगाया था। 4 अप्रैल 2022 को एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर FIR दर्ज हुई। इसमें IPC की धारा 153A (साम्प्रदायिक वैमनस्य), 506 (धमकी) और 171F (चुनाव प्रक्रिया में बाधा) समेत 6 गंभीर धाराएं लगाई गई थीं।
विधायकी क्यों गई?
सुप्रीम कोर्ट के नियमों के मुताबिक, अगर किसी विधायक या सांसद को 2 साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो उसकी सदस्यता स्वतः खत्म हो जाती है। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि कोर्ट के आदेश की प्रति मिलते ही अब्बास की सीट रिक्त घोषित कर दी जाएगी। इसके बाद उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।
अब्बास का संघर्षभरा सफर
- जेल से रिहाई: अब्बास 21 मार्च 2024 को मनी लॉन्ड्रिंग और गैंगस्टर एक्ट के मामले में 2 साल 8 महीने बाद जेल से रिहा हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 7 मार्च को जमानत दी थी।
- पत्नी की जेल यात्रा: फरवरी 2023 में अब्बास की पत्नी निखत बिना अनुमति चित्रकूट जेल में मिलने पहुंची थीं। इसके बाद उन्हें 154 दिन जेल में रहना पड़ा था।
ऐसे ही अन्य मामले
- अब्दुल्ला आजम (सपा): फरवरी 2024 में 15 साल पुराने मामले में 2 साल की सजा के बाद विधायकी गई।
- कुलदीप सेंगर (भाजपा): दिसंबर 2019 में नाबालिग रेप केस में उम्रकैद की सजा के बाद सदस्यता खत्म हुई।
- रशीद मसूद (कांग्रेस): 2013 में MBBS सीट घोटाले में 4 साल की सजा के बाद राज्यसभा सदस्यता गई।
आगे क्या?
अब्बास के वकीलों ने हाईकोर्ट में अपील की तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच, सुभासपा पार्टी को मऊ सीट पर नए उम्मीदवार की तलाश करनी होगी। कोर्ट में सजा सुनाए जाने के बाद अब्बास ने समर्थकों को हाथ जोड़कर शांत रहने का संदेश दिया।
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