अयोध्या : बुजुर्ग की इंजेक्शन से मौत, वार्ड बॉय-नर्स सस्पेंड : "10 घंटे वाली दवा 15 मिनट में चढ़ाई" - बेटी #9 *POW*

सारांश:

अयोध्या के राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को इलाजरत 76 वर्षीय नरेंद्र बहादुर की इंजेक्शन लगने के 20 मिनट बाद मौत हो गई। बेटी मीनाक्षी (स्वयं स्टाफ नर्स) का आरोप है कि "10 घंटे में चढ़ाई जाने वाली दवा (नौरऐड) को स्टाफ ने मात्र 15 मिनट में चढ़ा दिया, जिससे पिता तड़पकर चल बसे।"
प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने वार्ड बॉय अखिलेश और संबंधित स्टाफ नर्स को निलंबित कर तीन सदस्यीय जाँच कमेटी गठित की है, जो 24 घंटे में रिपोर्ट देगी।


पूरा घटनाक्रम:
शुक्रवार दोपहर बीकापुर कोतवाली क्षेत्र के रजौरा गाँव निवासी नरेंद्र बहादुर (76) को लूज मोशन की शिकायत पर राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज, दर्शननगर में भर्ती कराया गया था।
बेटियाँ मीनाक्षी और रागिनी के अनुसार, वह ठीक थे—खाना-पानी ले रहे थे और उन्होंने शाम को बेटियों से कहा, "मैं ठीक हूँ, तुम जाओ।"

कैसे हुई मौत? बेटियों ने लगाए गंभीर आरोप:
मीनाक्षी ने बताया कि शाम करीब 6:30 बजे वार्ड बॉय अखिलेश ने नरेंद्र को नौरऐड इंजेक्शन लगाया, जिसे ड्रॉप-ड्रॉप (धीरे) 10 घंटे में चढ़ाना था।
लेकिन स्टाफ ने इसे केवल 15 मिनट में चढ़ा दिया। नतीजतन:

  • नरेंद्र तेजी से छटपटाने लगे।
  • परिजनों ने मदद के लिए स्टाफ को पुकारा, लेकिन कोई नहीं आया।
  • 20 मिनट के भीतर ही उनकी मौत हो गई।

रागिनी ने आवेश में कहा, "स्टाफ ने पिता की हत्या की है! उन पर केस होना चाहिए। जब हमने शिकायत की तो स्टाफ ने अभद्रता की और कहा— 'मरीज लेकर आए ही क्यों थे?'"

अस्पताल प्रशासन की कार्रवाई:
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया:

  1. वार्ड बॉय अखिलेश और जिम्मेदार स्टाफ नर्स को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।
  2. तीन सदस्यीय जाँच कमेटी बनाई गई है, जो 24 घंटे में रिपोर्ट देगी।
  3. सीसीटीवी फुटेज की जाँच जारी है।
    उन्होंने कहा, "दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

परिवार की माँग: हत्या का मुकदमा दर्ज हो
मीनाक्षी (जो स्वयं गोंडा में स्टाफ नर्स हैं) ने कहा, "नौरऐड इंजेक्शन की स्पीड बढ़ाना सीधे पिता की मौत का कारण बना। यह सामान्य लापरवाही नहीं, जानलेवा लापरवाही थी। दोषियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।"
परिवार ने प्राचार्य को लिखित शिकायत दी और शव के पास विरोध प्रदर्शन भी किया।

आगे की प्रक्रिया:

  • जाँच कमेटी की रिपोर्ट से स्पष्ट होगा कि इंजेक्शन की स्पीड ही मौत का कारण बनी या नहीं।
  • रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।
  • अस्पताल प्रशासन ने परिजनों से संवेदना जताई और आश्वासन दिया कि "ऐसी गलतियाँ भविष्य में नहीं होंगी।"

(रिपोर्ट: Nitin, DBUP इंडिया)

नोट:
खबर में दी गई जानकारी स्रोतों पर आधारित है।

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