गोरखपुर - लखनऊ : सपा नेता विनय शंकर तिवारी के घर ED की बड़ी छापेमारी - गोरखपुर में ताकतवर रहा है राजनीतिक बैकग्राउंड #71 *QWEP*
सारांश (30 शब्दों में):
गोरखपुर, लखनऊ, नोएडा में सपा नेता विनय शंकर तिवारी, पत्नी रीता तिवारी और करीबी अजीत पांडेय के ठिकानों पर ED की रेड। बैंक फ्रॉड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच जारी।
पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के घर ED की छापेमारी
पूर्व बसपा विधायक और मौजूदा सपा नेता विनय शंकर तिवारी के गोरखपुर स्थित आवास 'तिवारी हाता' पर सोमवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने छापा मारा। टीम हरियाणा नंबर की इनोवा कार से पहुंची। साथ ही लखनऊ और नोएडा समेत कई अन्य ठिकानों पर भी एक साथ छापेमारी की गई।
बैंक फ्रॉड में नामजद, 754 करोड़ के गबन की जांच
- जांच एजेंसी के अनुसार, गंगोत्री इंटरप्राइजेज कंपनी ने बैंकों से 1129.44 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट ली थी।
- बाद में यह रकम गंगोत्री की सहयोगी कंपनियों में डायवर्ट कर निजी संपत्तियां खरीदी गईं।
- इस फ्रॉड में प्रमुख आरोपी के रूप में विनय शंकर तिवारी, उनकी पत्नी रीता तिवारी और अजीत पांडेय का नाम सामने आया है।
ED ने अब तक की क्या कार्रवाई की?
- 18 मार्च 2024: गंगोत्री इंटरप्राइजेज की 30.86 करोड़ की 12 प्रॉपर्टीज अटैच की गईं।
- 23 फरवरी 2024: 10 ठिकानों पर छापेमारी कर 103 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई।
- अब तक गोरखपुर, लखनऊ और नोएडा की आवासीय, वाणिज्यिक और कृषि जमीनों पर कार्रवाई हो चुकी है।
CBI की FIR के आधार पर दर्ज हुआ मनी लॉन्ड्रिंग केस
- शुरुआत में बैंकों की शिकायत पर CBI ने FIR दर्ज की थी।
- उसी FIR के आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू की।
- जांच में गंगोत्री एंटरप्राइजेज, रॉयल एम्पायर मार्केटिंग प्रा. लि. और कंदर्प कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. की संदिग्ध भूमिका सामने आई।
राजनीतिक पृष्ठभूमि: योगी के खिलाफ भी लड़ चुके हैं चुनाव
- विनय शंकर तिवारी ने 2007 में राजनीति में कदम रखा, लेकिन पहली सफलता 2017 में मिली जब वे बसपा से चिल्लूपार से विधायक बने।
- वे योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।
- 2022 से पहले सपा में शामिल हो गए थे, लेकिन फिर चुनाव नहीं जीत सके।
- उनके पिता पं. हरिशंकर तिवारी लंबे समय तक चिल्लूपार से विधायक रहे हैं।
ED की अगली कार्रवाई पर नजर
ED अब आगे की कड़ियों को जोड़ते हुए अन्य आरोपियों से पूछताछ और संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया जारी रखेगी। इस केस को लेकर राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई है।
DBUP, इंडिया
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें