अयोध्या - मेडिकल कॉलेज मामला : CDFD रिपोर्ट में खुला बड़ा राज, सीधा शव ही बदला गया, डिप्टी सीएम ने दिए जांच के निर्देश #41 *QLOW*
सारांश :
अयोध्या मेडिकल कॉलेज के कर्मी प्रभुनाथ मिश्रा की आत्महत्या (6 महीने से अधिक हो गया) के मामले में CDFD रिपोर्ट में शव बदलने का खुलासा, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जांच के दिए निर्देश। सवाल उठ रहा है कि ऐसा क्या हुआ कि सीधे मेडिकल कॉलेज से शव बदल गया - यह कोई गलती थी या सच छुपाने के लिए जानबूझकर की गई साजिश - हकीकत जांच के बाद ही पता चलेगी !
अब CDFD की रिपोर्ट ने खोला मामला, प्रभुनाथ का नहीं था बिसरा
मेडिकल कॉलेज अयोध्या में संविदा कर्मी प्रभुनाथ मिश्रा की आत्महत्या का मामला अब राज्य की मेडिकल व्यवस्था की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल बन चुका है। सेंट्रल फॉरेंसिक लैबोरेटरी (CDFD), हैदराबाद की रिपोर्ट के मुताबिक, केजीएमयू मोर्चरी लखनऊ में जो अंग विष विश्लेषण (बिसरा) के लिए सुरक्षित रखे गए थे, वे मृतक प्रभुनाथ के नहीं थे।
क्या है मामला?
- दिनांक 29 जुलाई 2024: मेडिकल कॉलेज अयोध्या में छात्राओं से विवाद के बाद प्रभुनाथ मिश्रा पर मानसिक दबाव शुरू हुआ।
- 7 अगस्त 2024: मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर प्रभुनाथ ने ज़हर खा लिया।
- इलाज में लापरवाही: लखनऊ के लोहिया अस्पताल में उन्हें ‘अल्कोहलिक’ बताकर इलाज से बाहर कर दिया गया।
- उसी दिन मृत्यु: इलाज में कोताही के चलते उनकी मौत हो गई।
बाद में और बढ़ी साजिश की परतें
- मृतक के परिजनों ने आरोप लगाए कि उन्हें न्याय नहीं मिला।
- उल्टे, प्रभुनाथ पर ही रात 3 बजे एफआईआर दर्ज करवा दी गई।
- ज़हर की रिपोर्ट में कुछ भी न आने पर परिजनों ने डीएनए जांच की कोर्ट से मांग की।
CDFD रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा
- 27 मार्च 2025 को CDFD की रिपोर्ट:
- मोर्चरी में जो बिसरा प्रभुनाथ के नाम पर सुरक्षित किया गया था, वह किसी और व्यक्ति का निकला।
- यानी शव परीक्षण के दौरान जानबूझकर बिसरा बदल दिया गया।
- यह मामला अब एक संभावित सबूत से छेड़छाड़ के रूप में देखा जा रहा है।
प्रभुनाथ के सहयोगियों ने दिया था लिखित बयान
- रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के सहयोगियों ने यह लिखित रूप में कहा था कि प्रभुनाथ को लगातार मानसिक प्रताड़ना दी जा रही थी।
- बावजूद इसके, अयोध्या के डीएम द्वारा की गई मजिस्ट्रियल जांच में आरोपियों को क्लीन चिट दे दी गई।
- डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार, तत्कालीन प्राचार्य पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
परिवार का दर्द – 'सिस्टम ने मारा मेरे बेटे को'
- प्रभुनाथ के पिता जगदीश मिश्रा ने कहा:
“मेरे बेटे को प्रताड़ित किया गया, फिर इलाज में लापरवाही हुई, और उसकी मौत की सच्चाई को छिपाने के लिए बिसरा तक बदल दिया गया। यह सिस्टम द्वारा की गई हत्या है।” - उन्होंने इस मामले की CBI या हाईकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए जांच के आदेश
- CDFD की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गंभीरता से संज्ञान लिया।
- उन्होंने अधिकारियों को इस पूरे प्रकरण की जांच के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
- परिजनों की मांग है कि:
- आरोपियों पर हत्या की साजिश में मुकदमा चले।
- मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सीधे तौर पर जवाबदेह ठहराया जाए।
DBUP इंडिया की अपील:
अगर इस मामले से जुड़ी आपके पास कोई जानकारी हो, तो कृपया DBUP इंडिया से साझा करें। हम सत्य की खोज में आपके साथ हैं।
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