DBUP Research: भारत-पाक तनाव से सेंधा नमक व सूखे मेवों की कीमत हो सकती है दोगुनी #29

DBUP नई दिल्ली – सारांश:

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि स्थगित की और पाकिस्तान ने द्विपक्षीय व्यापार निलंबित किया"; इससे पाकिस्तान से आयातित सेंधा नमक व सूखे मेवे विशेषकर खजूर, किशमिश, चूना, सीमेंट  व अन्य की आपूर्ति बाधित हो सकती है, जिससे कीमतें 2-3 गुना बढने का खतरा है। जब तक वैकल्पिक स्रोत नहीं मिलता आम जनता को स्टॉक पहले से रखने या ना खरीदने की सलाह।



भारत-पाक तनाव का ताजा दौर

अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले (27 नागरिकों की मौत) के बाद भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित कर पाकिस्तान के साथ सीमा चौकियाँ सील कर दीं। जवाब में पाकिस्तानी सरकार ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय व्यापार और राजनयिक समझौतों पर रोक लगा दी।

द्विपक्षीय समझौतों का निलंबन

  • सिंधु जल संधि (1960): भारत ने एकतरफा इसे स्थगित किया, पाकिस्तान ने इस कदम की कड़ी निंदा की।
  • शिमला समझौता (1972): पाकिस्तान ने इसे रद्द करने की घोषणा की, सीमा पार व्यापार एवं आवाजाही बंद कर दी।

पाकिस्तान से आयातित मुख्य वस्तुएं

  • सेंधा नमक: हिमालयी नमक के रूप में लोकप्रिय, भारतीय बाजार में पाकिस्तानी खेपें भरपूर आती रही हैं।
  • सूखे मेवे: विशेषकर खजूर, किशमिश व अन्य ताजे मेवे, जिन्हें पाक से बड़ी मात्रा में आयातित किया जाता है।
  • गंधक, चूना, कपड़े और सीमेंट : भारत में 200 फीसदी टैरिफ अभी भी लगा हुआ है

आपूर्ति बाधित, कीमतों में उछाल का खतरा

राजनयिक तनाव के कारण अगर पाकिस्तान ने नमक/मेवे निर्यात बंद किया तो—

  1. स्थानीय कमी: तय सप्लाई चैन टूटने से कुछ क्षेत्रों में तुरंत आपूर्ति कम हो सकती है।
  2. कीमतों में वृद्धि: सीमित आपूर्ति पर उपभोक्ता कीमतों में दो-गुना तक बढ़ोतरी होने का अनुमान।
  3. ग्रामीण-शहरी दोनों प्रभावित: चटनी-सामान्य रसोई से लेकर फलाहार तक महंगाई का असर आम घरेलू बजट पर पड़ेगा।

वैकल्पिक स्रोत और घरेलू उत्पादन

  • नैमिार्क स्रोत: ईरान, UAE और मलेशिया से सेंधा नमक; अफगानिस्तान, ईरान, तुर्की से खजूर।
  • घरेलू वैकल्प्य: हिमालयी खदानों व भारतीय ड्राई फ्रूट्स उत्पादकों को प्रोत्साहन की जरूरत; MSME व PLI योजनाओं के जरिए उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।

सरकार की संभावित पहल

  • कल्याणकारी नीतियाँ: अस्थायी आयात शुल्क में छूट, स्टॉक उत्सर्जन और उत्पादन बढ़ाने हेतु सब्सिडी।
  • विदेश नीति–व्यापार वार्ता: पड़ोसी व मित्र देशों के साथ FTAs के माध्यम से निर्यात विविधीकरण।
  • उपभोक्ता संरक्षण: रासायनिक नमक व घरेलू सूखे मेवों के लिए गुणवत्ता मानकों पर सख्ती, जमाखोरी रोकने हेतु निगरानी।

नागरिकों के लिए सुझाव

  1. कीमतें ट्रैक करें: स्थानीय मंडियों व ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर सेंधा नमक व सूखे मेवों की दरें देखें।
  2. वैकल्पिक उत्पाद: ‘मेड इन इंडिया’ नमक और घरेलू सूखे मेवे अपनाएं।
  3. आवश्यकता-आधारित खरीद: जमाखोरी से बचें, जरूरी मात्रा में ही खरीदारी करें।

भारत–पाक व्यापार संबंधों में यह नया संकट उपभोक्ताओं के पक्ष में कम समय में हल नहीं होगा, इसलिए वैकल्पिक स्रोतों व घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना तथा सतर्क खपत मॉडल अपनाना ही सुरक्षित विकल्प है।

DBUP, इंडिया - RESEARCH WING

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