2028 में वापस आएंगे विलुप्त जानवर: वैज्ञानिकों की नई खोज से खुला रास्ता #56 *INA0311AA*

मैमथ की वापसी की शुरुआत - 'वूली माइस'

वैज्ञानिकों ने एक बड़ी खोज की है—उन्होंने एक खास चूहे (माइस) की ऐसी प्रजाति तैयार की है, जो हजारों साल पहले विलुप्त हो चुके ऊनी हाथी (वूली मैमथ) से मिलती-जुलती है। इस प्रयोग में वूली मैमथ के डीएनए को आधुनिक चूहे के डीएनए में जोड़ा गया, जिससे इस नए चूहे में मैमथ जैसे घने बाल उग आए और यह ठंडे वातावरण में ज्यादा सहनशील हो गया। इसे 'वूली माइस' कहा जा रहा है।


कैसे हुआ यह चमत्कार?

वैज्ञानिकों ने CRISPR नाम की तकनीक से चूहे के डीएनए को एडिट किया और उसमें मैमथ के जीन डाल दिए। यह ठीक वैसा ही है जैसे पुराने कंप्यूटर में नया सॉफ्टवेयर डालकर उसे बेहतर बनाया जाए। इस प्रयोग से साबित हो गया कि हम विलुप्त हो चुके जानवरों को दोबारा जिंदा कर सकते हैं।

2028 तक वापस आ सकते हैं वूली मैमथ

वैज्ञानिकों का दावा है कि इसी तकनीक से 2028 तक वूली मैमथ दोबारा धरती पर चल सकते हैं। इसके लिए एशियाई हाथी के डीएनए में मैमथ के जीन जोड़े जाएंगे, जिससे एक नया जीव तैयार होगा, जो मैमथ जैसा दिखेगा और ठंडी जगहों पर जी सकेगा।


भविष्य में और कौन-कौन से जीव लौट सकते हैं?

अगर यह प्रयोग सफल रहा, तो भविष्य में और भी विलुप्त जानवरों को वापस लाया जा सकता है, जैसे:

  • विशालकाय हाथी, जो आम हाथी से तीन गुना बड़े थे।
  • प्राचीन घोड़े, जो आज के घोड़ों से बहुत मजबूत और तेज थे।
  • डायनासोर, अगर इनका सही डीएनए मिल जाता है, तो इन्हें भी वापस लाना संभव हो सकता है।
  • डोडो पक्षी, जो 1600 के दशक में खत्म हो गया था।
  • तस्मानियाई टाइगर, जिसे 1936 में विलुप्त घोषित किया गया था।

क्या इंसानों पर भी होगा असर?

अगर विज्ञान इस स्तर तक पहुंच गया है कि विलुप्त जानवरों को वापस लाया जा सकता है, तो इंसानों के लिए भी कई बदलाव संभव हो सकते हैं:

  1. उम्र 125 साल से ज्यादा हो सकती है – डीएनए एडिटिंग से शरीर की उम्र बढ़ाने वाले जीन को नियंत्रित किया जा सकता है।
  2. बीमारियां खत्म हो सकती हैं – कैंसर, डायबिटीज जैसी बीमारियों को डीएनए एडिट करके रोका जा सकता है।
  3. शारीरिक क्षमता बढ़ सकती है – इंसान ज्यादा ताकतवर, तेज और बुद्धिमान हो सकता है।

AI और विज्ञान से बदलेगी दुनिया

इस पूरी प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भी बड़ी भूमिका है। AI की मदद से वैज्ञानिक हजारों-लाखों डीएनए के नमूने तेजी से जांच सकते हैं और सही जीन चुन सकते हैं। यही कारण है कि 2050 तक विज्ञान में ऐसी चीजें होंगी, जिनकी हम आज कल्पना भी नहीं कर सकते।

यह खोज सिर्फ वूली मैमथ तक सीमित नहीं है। यह साबित करता है कि हम भविष्य में किसी भी जीव को वापस ला सकते हैं और इंसानों की क्षमताओं को भी नया रूप दे सकते हैं। 2028 से लेकर 2050 तक विज्ञान की दुनिया में बड़े बदलाव आने वाले हैं—ऐसे बदलाव, जो हमारी सोच से भी आगे हैं!

यदि खोज के बारे में आपको अधिक जानकारी है इस संबंध में आपकी कोई विचार है तो अपने विचार जरूर कमेंट करें ।

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